कोडरमा। ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ का 12 फरवरी को समाहरणालय में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना को सफल बनाने को लेकर जिलेभर में व्यापक तैयारी चल रही है। ढिबरा आंदोलन को सशक्त और प्रभावशाली बनाने को लेकर ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ वृहत स्तर पर प्रचार प्रसार में जुट गया है। वहीं संघ के अध्यक्ष कृष्णा सिंह घटवार ने बुधवार को सतगावां प्रखंड के कोठियार में ढिबरा मजदूरों की बैठक की। बैठक में प्रस्तावित अनिश्चितकालीन धरना में भारी संख्या में ढिबरा मजदूरों को शामिल होने की अपील किया गया। वहीं संघ के अध्यक्ष ने कहा कि ढिबरा कोडरमा का लाइफलाइन है, लेकिन लाइफलाइन को कानूनी दांव पेंच के जरिये ध्वस्त किया जा रहा है।
झारखण्ड खनिज संपदा प्रदेश है और जनता जंगल में रहकर जीवनयापन करती है। कोडरमा का अस्तित्व माइका, ढिबरा से जुड़ा है, मगर दुर्भाग्य है कि यहां के आमजनमानस को ढिबरा चुनकर रोजगार चलाने पर पाबंदी लगाई जा रही है। ढिबरा व्यवसाय पर जल-जंगल-जमीन का नारा देने वाली सरकार में प्रशासन अपराधी प्रवृति की तरह ढिबरा कारोबारी और मजदूरों पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि पलायन, बेरोजगारी और भुखमरी की संकट विकराल रूप ले चुकी है। ढिबरा मजदूर आंदोलन के जरिये ठोस विकल्प चाहती है। मौके पर राजकिशोर सिंह, ब्रम्हदेव सिंह, बिनोद रवानी, सनोज तुरी, एहसान मियां, सुरेश राय, पिंटू साव, गुड्डू तुरीया, दिनेश यादव, राजकुमार राय आदि मौजूद थे।