पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में कहा कि बिहार में यह कैसी सरकार चल रही है जहां सरकार के मंत्री विधानसभा में बहाली परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री से घोर अनियमितता की शिकायत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कान में तेल डालकर सोये पड़े है?
प्रदेश मुख्यालय में आयोजित सहयोग के अंतर्गत ‘जनसंवाद’ कार्यक्रम के उपरांत पत्रकारों से वार्ता में विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार विधानसभा के अंदर 10 सितम्बर को होने वाली बहाली परीक्षा में एक ऐसी आउटसोर्सिंग कंपनी का चयन किया गया है जो चयन अर्हता को पूरा नहीं करती है। जो एजेंसी वित्तीय रूप से समर्थ नहीं है उस एजेंसी को नियम के विरुद्ध भुगतान करने की व्यवस्था की गई है। एजेंसी के चयन के लिए जो समिति बनायी गयी है वह भी नियमानुकूल नहीं है। विधानसभा के अंदर इसे पहले ही रद्द किया जा चुका है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जो मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की बात करते हों उनकी नजरों के सामने यह कैसी व्यवस्था के तहत विधानसभा में नियुक्ति परीक्षा ली जा रही है। यह कहीं न कहीं बिहार की प्रतिभा को कुचलने और भ्रष्टाचार के एक बड़े खेल के रूप में इस एजेंसी का चयन किया गया है। सिन्हा ने कहा कि जिस एजेंसी का चयन किया गया है वही एजेंसी परीक्षा का प्रश्न-पत्र भी निर्धारित कर रही है। यह कहीं न कहीं भारी पैमाने पर सत्ता के दलालों के माध्यम से पैसा उगाही का एक बड़ा खेल कर रहीं है।
सिन्हा ने कहा कि इस परीक्षा को संचालित होने से तत्काल रोका जाए, जिससे बिहार के बच्चों का भविष्य अंधकारमय न हो। इसके लिए वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे तथा उनसे मांग करेंगे कि इस भ्रष्ट एजेंसी की आड़ में हो रहे खेल की उच्चस्तरीय जांच की जाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में भी बहुत सारी उलझनें पैदा कि गई थीं। इसके बावजूद जब बीपीएससी/कर्मचारी चयन आयोग को पवित्र आयोग मानकर अन्य परीक्षाएं ली जाती हैं तो कौन सी ऐसी बाध्यता है कि विधानसभा में आउटसोर्सिंग के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। यह कहीं न कहीं किसी परिवार के दबाव में भ्रष्टाचार के प्रणेता को खुश करने का प्रयास तो नहीं?