रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय और सर्वदलीय बैठक हुई। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि 28 जुलाई से चार अगस्त तक मानसून सत्र सुचारू रूप से चले और सभी सदस्य सदन के सफल संचालन में मदद करें।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधेयकों में त्रुटि होने और उसके वापस होने के कई मामले आए हैं और अब विधानसभा ने यह फैसला लिया है कि जिस भाषा में विधेयक विधानसभा में पास होगा, उसी भाषा में वो विधेयक राजभवन भेजा जाएगा। विधानसभा में विधेयक हिंदी में पास होता है। यदि किसी विधेयक के अनुवाद करने की आवश्यकता पड़े, तो राजभवन इसके लिए सक्षम है।
स्पीकर ने कहा कि पिछले दिनों तीन दिन के कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें आईएएस और झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने प्रशिक्षण लिया, इसका फायदा भी इस सत्र में मिलेगा। विधायिका और कार्यपालिका दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों को मिलकर काम करना है।
सर्वदलीय बैठक में भाजपा विधायकों के शामिल नहीं होने के सवाल पर स्पीकर ने कहा कि यह उनका मामला नहीं है, बल्कि इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सदन सुचारू रूप से चले इसको लेकर तमाम विधायकों ने अपनी राय दी। भाजपा के किसी प्रतिनिधि के शामिल नहीं होने पर आलमगीर आलम ने कहा कि पिछली कई बैठकों से बीजेपी के प्रतिनिधि नहीं आ रहे हैं, यह उनको तय करना है कि बैठक में शामिल हों या ना हों। बैठक में आते तो अच्छा रहता।
इससे पहले स्पीकर ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर तैयारियों का भी जायजा लिया। इसमें राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, गृह सचिव अविनाश कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक सरयू राय, कमलेश सिंह, अमित यादव और आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भाग लिया।