हजारीबागः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के मोके पर 83 हजार करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का उद्घाटन किया और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने हजारीबाग के विनोबा भावे यूनिवर्सिटी परिसर से जनजातीय कल्याण और विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत कई कल्याणकारी योजनाओं का बटन दबाकर उद्घाटन किया
आदिवासी समाज के उत्थान के लिए 83 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च
पीएम मोदी ने कहा कि हजारीबाग से उन्होंने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इस योजना पर करीब 83हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत करीब 550 जिलों में 65,000 आदिवासी बहुल गांवों का विकास करने का अभियान चलाया जाएगा। इसका लाभ देश के 5 करोड़ से ज्यादा आदिवासी भाई-बहनों को मिलेगा। झारखंड के आदिवासी समाज को भी इसका बहुत बड़ा फायदा होगा।
पीएम मोदी ने कहा, ‘अभी कुछ दिन पहले ही मैं जमशेदपुर आया था, जमशेदपुर से मैंने झारखंड के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। पीएम आवास योजना के तहत झारखंड के हजारों गरीबों को अपना पक्का घर मिला है और अब कुछ दिनों में ही झारखंड में 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया है।’
भगवान बिरसा मुंडा की धरती से हुई अभियान की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की धरती से हो रही है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन झारखंड के खूंटी से पीएम-जनमन योजना भी लॉन्च हुई थी। अगले महीने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर हम पीएम-जनमन योजना की पहली वर्षगांठ मनाएंगे। इस योजना के जरिए आज देश के उन आदिवासी इलाकों में भी विकास पहुंच रहा है, जो सबसे पीछे छूट गए थे। आज यहां पीएम-जनमन योजना के तहत भी करीब साढ़े 1,300 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास हुआ है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह बताना चाहिए कि राज्य की बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये की राशि क्यों नहीं जारी की जा रही है। जयराम रमेश ने पोस्ट करते हुए पूछा कि आज जब प्रधानमंत्री झारखंड में हैं तब उन्हें इन सवालों के जवाब ज़रूर देने चाहिए। वह झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ क्यों नहीं जारी कर रहे हैं? प्रधानमंत्री झारखंड के 8 लाख लोगों को घर देने के अपने वादे को पूरा क्यों नहीं कर रहे हैं? वे इंजीनियरिंग कॉलेज कहां हैं जिनका प्रधानमंत्री ने 2014 में वादा किया था?
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