रांची। झारखंड पुलिस के लिए वर्ष 2024 नक्सलवाद के मुद्दे पर कामयाबी भरा रहा। पूरे साल खुद को झारखंड का सबसे बड़ा नक्सली संगठन कहने वाले भाकपा माओवादी की भी स्थिति ठीक नहीं रही। वह भी खत्म होने के कगार पर है। पूरे राज्य से इस वर्ष अबतक 244 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं जबकि 24 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार, राज्य में इस वर्ष 123 हथियार, 35 पुलिस के लूटे हथियार, 5234 गोलियां, 239 आईईडी और 246.40 किलो गोला-बारुद बरामद किए गए हैं। इसी प्रकार पुलिस नक्सल अभियान के दौरान 13.39 लाख लेवी के पैसे बरामद किये गए हैं। पुलिस ने इस दौरान एक सैक सदस्य, दो जोनल कमांडर, छह सब-जानेल कमांडर और छह एरिया कमांडर गिरफ्तार किया है।
इस वर्ष नौ नक्सली मारे गए
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, इस वर्ष नक्सलियों के खिलाफ चलाये गये अभियान में नौ नक्सली मारे गए हैं। इसमें एक जोनल कमांडर, एक सब-जोनल कमांडर, एक एरिया कमांडर और छह सदस्य शामिल हैं। इनमें कांडे होनहांगा, सिंघराई मनोज, बुद्धराम मुंडा, जांगा, सूर्या, सपनी हांसदा, हरेंद्र गंझु, ईश्वरी गंझु और रादुंग बोदरा शामिल हैं।
क्या कहते है अधिकारी
झारखंड के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने इस संबंध में बताया कि झारखंड में नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। नक्सलियों के खिलाफ अभियान में झारखंड पुलिस ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। उन्होंने बताया कि अब झारखंड में मात्र 5-10 प्रतिशत ही नक्सलवाद बचा हुआ है। इसके सफाये के लिए लगातार अभियान जारी है।
आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता एवी होमकर ने बताया कि झारखंड में चाईबासा को छोड़ पूरे झारखंड में नक्सलियों का अस्तित्व ना के बराबर है। चाईबासा में भी नक्सलियों के सफाए के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब तक अंतिम नक्सली सरेंडर नहीं कर देता तब तक यह अभियान जारी रहेगा।