कोडरमा। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग कोडरमा के सौजन्य से विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मरकच्चो प्रखंड अंतर्गत बंदरचुकवा गांव में 75वां वन महोत्सव मनाया गया। वहीं उपायुक्त मेघा भारद्वाज, जिप अध्यक्ष रामधन यादव, डीएफओ सौमित्र शुक्ला, डीडीसी ऋतुराज, एसडीओ रिया सिंह एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर वन महोत्सव का शुभारंभ किया गया। वहीं उपायुक्त ने अपने संबोधन में सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि झारखंड राज्य में हरियाली बचाने में यहां के मूल निवासियों का अहम योगदान रहा है। वन विभाग का कार्य है, वनों का संरक्षण करना, लेकिन हमारा और हम सभी का दायित्व है कि वनों का संरक्षण करें। जंगल में लगे पेड़-पौधों का संरक्षण करें। पेड़ों को बचाने से मिट्टी, जल व पर्यावरण का संरक्षण होता है।
वहीं डीएफओ सौमित्र शुक्ला ने कहा कि आदिवासी समाज और वनों के बीच अटूट समागम हो, जो वनों की सुरक्षा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव 1950 ई से मनाया जा रहा है और आज हमलोग 75वां वन महोत्सव मना रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य वनों की रक्षा के प्रति जागरूक करना, लोगों के बीच वनों के प्रति प्रेम बढ़ाना ताकि वनों का दोहन न हो। वनों की संरक्षण में आपकी सहभागिता अहम है और पेड़-पौधें लगायें और उनका संरक्षण करें।
वहीं जिप परिषद् अध्यक्ष रामधन यादव ने कहा कि पेड़-पौधों का संरक्षण करें। फलदार पौधे लगायें ताकि आने वाले समय में ये आजीविका का स्रोत बने।
डीडीसी ऋतुराज ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार के द्वारा बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बागवानी योजना का लाभ दिया जाता है, उन योजनाओं का लाभ लेकर फलदार पौधा लगाएं।वहीं उपायुक्त मेघा भारद्वाज, डीएफओ सौमित्र शुक्ला, जिप अध्यक्ष रामधन यादव, उप विकास आयुक्त ऋतुराज, एसडीओ रिया सिंह व अन्य अतिथियों द्वारा पौधारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। मौके पर बीडीओ समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे।