कोडरमा। आदिवासी समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता पावन माइकल कुजूर एवं संचालन देवनीस एक्का ने किया। मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ दरिंदगी पर श्री कुजूर ने कहा कि मणिपुर में आदिवासी माहिलाओं के साथ हुई दरिंदगी समाज को शर्मसार करने वाली है। घटना के बाद मणिपुर की स्थानीय शासन व्यवस्था एवं केंद्र की शासन की मिलीभगत से इस घटना को 40 दिनों तक गौण रखा गया एवं अत्याचरियों को बचाने का प्रयास किया गया। पीड़ित महिलाओं का सुध लेने वाला कोई नहीं। अभी वो दोनों महिला कहां हैं, किस अवस्था में है या उन दरिंदो द्वारा मार दिया गया, इस बात को सोंचकर बहुत आहत हूं।
अतः सरकार के प्रती रोस प्रकट करता हूँ कि, उक्त आरोपियों को पकड़कर खुले सड़क पर फांसी की सजा दी जाए, ताकि इसे देख कर लोगों का रूह कांप जाए, ताकि आनेवाले समय में दोबारा इस देश की माहिलाओं के साथ ऐसी दरिंदगी वाली घटना नहीं घटे। बैठक में जिला सचिव अनिल हांसदा, उपाध्यक्ष बेंजामिन एक्का, तुरन टोपनों, बनवाली मुंडा, दीपक मुंडा, रुपेश मुंडा, वाल्टर तिग्गा, कमल हेमरोम, बैठक में मुख्य रूप से नंदू उरांव, ससिकांत मुर्मू जोन सुरेंन, जीवन टोप्पो, बहादुर मुंडा, बंगा मुंडा, भानू मुंडा, नगेंदर मुंडा, गुरवा पूर्ति, सुखराम मुंडा, बिपिन किशोर टोप्पो आदि शामिल थे।