झुमरीतिलैया (कोडरमा)। मणिपुर में पिछले तीन माह से जारी हिंसा और दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने व उनके साथ दरिंदगी, बर्बरता और घिनौनी हरकत करने के खिलाफ देशव्यापी विरोध दिवस के तहत सीटू और किसान सभा के संयुक्त बैनर तले पूर्णिमा टाॅकिज परिसर से झंडा चैक तक प्रतिवाद मार्च निकाला गया। जुलूस में मोदी सरकार मुर्दाबाद, मणिपुर की भाजपा सरकार शर्म करो, मणिपुर सरकार को बर्खास्त करो, मुख्यमंत्री एन बिरेन्द्र सिहं इस्तीफा दो, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जुमला है।
केन्द्र सरकार शर्म करो आदि सरकार विरोधी आक्रोशपूर्ण नारे लगाये जा रहे थे। झंडा चैक पर किसान सभा के संयुक्त सचिव परमेश्वर यादव की अध्यक्षता में नुक्कड़ सभा किया गया, जिसे सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान, झारखंड राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव असीम सरकार, सीटू के जिला संयोजक रमेश प्रजापति, आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी, जिला सचिव वर्षा रानी, निर्माण कामगार यूनियन के सचिव प्रेम प्रकाश, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री शशि कुमार पांडेय, डीएसएमएम के जिलाध्यक्ष दिनेश रविदास ने मुख्य रूप से सम्बोधित किया।
वहीं वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर में जिस तरह से आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करके उन्हें पूरे समाज में घुमाया जा रहा है, उनकी बेइज्जती की जा रही है, इस घटना ने देश और दुनिया को शर्मिंदा किया है। भाजपा सरकार का पिछले तीन महीनो से चुप्पी साधे रहना और मणिपुर को जलने देना उनकी नाकामयाबी को दिखाती है, उनके चाल और चरित्र को दर्शाता है। आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर भयानक अत्याचार, सामुहिक बलात्कार की घटना ने भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा भी जुमला साबित हुआ है। बीजेपी की मणिपुर सरकार सीधे तौर पर अपराधियों को खुली छूट दे रखी है, तीन माह से मणिपुर जल रहा है, फिर भी बीजेपी के मंत्री राज्य सरकार को बचाने में लगी हुई है।
विरोध कार्यक्रम में किसान सभा के ग्यासुद्दीन अंसारी, भूना भूइयां, कारू भूइयां, शम्भु पासवान, संजय दास, अशोक रजक, चेतलाल दास, नागेश्वर दास, बसंती देवी, रविन्द्र भारती, सहदेव दास, संध्या वर्णवाल, कांति देवी, रामदुलारी, किरण, शैबुन निशा, मधुबाला, कुसुम, शीला, भुनेश्वर दास, जितेंद्र सिन्हा, अनमोल, दीपक कुजूर, अर्जुन राय, बिनोद कुमार, गणेश, चंदन कुमार, सुनील कुमार रजक, वासुदेव साव, विजय सिंह सहित दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद थे।