खूंटी। क्या आप खूंटी जिले के डोड़मा-सिसई पथ पर चार पहिया, दो पहिया वाहन या फिर पैदल जा रहे हों, तो जरा सावधान हो जाएं और संभव है, तो वैकल्पिक मार्ग का चुनाव करें। इस रास्ते पर कुदरी के पास छाता नदी का पुल एक साल पहले ही टूट गया था। इसके कारण बरसात के दिनों में लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
नदी में पानी तो भरा ही है, नदी के दोनों छोरों पर रास्ते मे इतना कीचड़ जमा हो गयी है कि वहां से गुजरना काफी दुरुह है। नदी में पुल नहीं होने के कारण इस मार्ग पर चार पहिया वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप है। कुछ दुःसाहसी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस रास्ते पर आना-जाना करते हैं। गुमला, सिसई, लापुंग, जरियागढ़ सहित दर्जनों गांवों के लोगों को काफी लंबी दूरी तय कर जिला मुख्यालय खूंटी पहुंचना पड़ता है। पुल नहीं होने का सबसे अधिक खमियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है।
डोड़मा, बिचना, सुंदारी सहित अन्य जगहों के स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। तोरपा या खूंटी होकर स्कूल जाने में उन्हें दुगुनी दूरी कर स्कूल जाना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि खूंटी को गुमला और लोहरदगा जिले को जोड़ने वाले डोड़मा-सिसई पथ पर छाता नदी पर बना पुल पिछले वर्ष अगस्त महीने में ध्वस्त हो गया था। गर्मी के दिनों में छोटे वाहनों का आवागमन इस सड़क पर होता था, लेकिन बरसात के दिनों में आवामन लभग ठप है। पुल निर्माण के संबंध में पूछे जाने पर विभाग के अभियंता ने बताया कि सरकार द्वारा पुल निर्माण के लि 11 करोड़ 44 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। कुछ दिनों के बाद पुल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।