खबर मन्त्र ब्यूरो
जमशेदपुर। सिंहभूम चैम्बर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष (ट्रेड एंड कॉमर्स) अनिल मोदी ने जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर जिला प्रशासन द्वारा शहर के सैरात बाजारों के किराए के पुनर्निर्धारण हेतु बाजारों के सर्वे की घोषणा पर एहतियात बरतने की मांग की है।श्री मोदी ने पत्र के माध्यम से कहा है कि जमशेदपुर में तकरीबन 10 सैरात बाजार है।टाटा स्टील कंपनी नें जमशेदपुर वासियों को खरीदारी की सहूलियत हेतु लगभग 50 वर्ष पूर्व सैरात की जमीनों पर दुकान का निर्माण कर लोगों को दुकान आवंटित की थी।दुकानों के बनने के पश्चात से ही टाटा स्टील ही किराए का निर्धारण ओर वसूली कर रहा था।
इन सैरात बाजारों में लोगों पीढ़ियों से व्यवसाय कर अपना ओर अपनें परिवार का जीवन यापन कर रहें है।विगत 1 वर्ष पूर्व नई व्यवस्था के तहत टाटा स्टील नें सैरात बाजारों को अक्षेस को सौंप दिया था।इस हस्तांतरण के बाद जिला जिला प्रशासन ने अचानक से किरायों में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी थी।पहले जो किराया 10 से 300 रु तक था वो कई गुना बढ़ दिया गया था।इस अतार्किक फैसले से दुकानदारों की नींद उड़ गई थी और इसका व्यापक विरोध हुआ था।व्यापारियों के विरोध के आलोक में जिला प्रशासन ने इस पर तात्कालिक रोक लगा दी थी ,तब से दुकानदार अभी तक पुरानी दर पर ही किराए का भुगतान कर रहें है।उन्होंने कहा कि अब जिला प्रशासन द्वारा पुन: किराया निर्धारण हेतु सर्वे की बात सामने आने से व्यापारियों में शंका का माहौल है।
उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि पुराने बातों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन को किराया निर्धारण में एहतियात बरतनी चहिये एवं इसके किराए में परिवर्तन के पूर्व दुकानदारों को विश्वास में लेना चहिये।उन्होंने कहा कि किराया निर्धारण हेतु जिला प्रशासन को एक कमेटी गठित करनीं चहिये एवं इस कमेटी में व्यापारियों के प्रतिनिधि संगठन सिंहभूम चैम्बर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 2 प्रतिनिधियों के साथ साथ सभी बाजारों के दुकानदारों द्वारा चयनित प्रतिनिधियों को भी कमेटी में शामिल किया जाना चहिये ताकि पारदर्शी तरीके से एक स्वस्थ माहौल में में किराए की दर का निर्धारण हो सके।उन्होंने कहा कि सबको विश्वास पूर्वक साथ लेकर चलने से अप्रिय स्थितियां उत्पन्न नहीं होगी और शहर का व्यापारिक परिदृश्य मजबूत और सकारात्मक होगा।