कोडरमा। सिविल सर्जन कार्यालय स्थित सभागार में सिविल सर्जन डाॅ. अनिल कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम (एनआरसीपी) से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं सिविल सर्जन ने बताया कि केंद्र सरकार ने रेबीज की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम (एनआरसीपी) चलया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मुक्त दवा पहल के माध्यम से रेबीज वैक्सीन और रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन का प्रावधान शामिल है।
रेबीज 100 प्रतिशत घातक है तथा टीके के माध्यम से इसका 100 प्रतिशत रोकथाम किया जा सकता है। वहीं प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. बिपीन कुमार ने प्रशिक्षण में उपस्थित एएनएम सीएचओ और फार्मासिस्ट को रेबीज वायरस बीमारी के प्रभावों और इसे रोकने के तरीकों के बारे में विस्तार रूप से बताया। वहीं उन्होंने बताया कि रेबीज एक वायरल बीमारी है, यह वायरस रेबीज से पीड़ित जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है।
यह रेबडोविरिडे फैमिली के लिसावायरस जीनस के रेबीज वायरस के कारण होता है, यह एक आरएनए वायरस है, इसे रोकने के तरीकों और एंटी-रेबीज टीकाकरण पर विवरण प्रस्तुत किया। मौके पर डीएस डाॅ. मनोज कुमार, इपीडेमियोलाॅजिस्ट डाॅ. विकास चैधरी, डीपीएम महेश कुमार, डीडीएम पवन कुमार आदि स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।