मरकच्चो (कोडरमा)। प्रखंड स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर क्षेत्र का प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर है। नवरात्र पर तीन पंचायत मरकच्चो मध्य, मरकच्चो उत्तरी व मरकच्चो दक्षिणी समेत कई गांव के श्रद्धालु इस दुर्गा मंदिर में नवरात्र पर देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के इतिहास के संबंध में गांव के बूढ़े बुजुर्ग गौरी शंकर प्रसाद, प्रयाग मोदी, कार्तिक सिंह, बनवारी सिंह आदि बताते हैं कि मरकच्चो में 87 वर्षो से देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जा रही है। इन लोगों ने बताया कि माता रानी की पूजा अर्चना 1937 से होती चली आ रही है। इसकी शुरुआत गांव के कैलाश प्रसाद शिव, खागो सिंह, बद्रीनाथ सहाय, बासुदेव प्रसाद, राघो पांडेय, छोटू सिंह, राघो सिंह, नाथौ सिंह, राघो मोदी, महावीर पोद्दार के नेतृत्व में ग्रामीणों के सहयोग से की गई थी, तब एक छोटे से खपरैल के मड़ई में पेट्रोमैक्स के लाइट में पूजा हुआ करती थी, लेकिन आज माता रानी की कृपा से माता रानी का अपना पक्के का भव्य मंदिर है।
साथ ही मंदिर परिसर में कई देवी-देवताओं का भी मंदिर का निर्माण किया गया है। 1937 से अनवरत आज तक माता रानी की पूजा होती चली आ रही है। वहीं पूजा समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह, कोषा अध्यक्ष रविंद्र कुमार पांडेय, सचिव प्रदीप सिन्हा ने बताया कि सार्वजनिक दुर्गा मंदिर परिसर में साल में दो बार शारदीय दुर्गा पूजा व बासन्ती दुर्गा पूजा में भव्य पंडाल बनाया जाता है जो, सूर्या टेंट एंड लाइट डेकोरेटर के द्वारा किया जाता है ।टेंट एवं लाइट का काम करने वाले कर्मियों में आधे से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोग हैं जो 25-30 दिनों पूर्व से मंदिर परिसर में काम करते हैं। इस बार केदार नाथ मंदिर का प्रारूप तैयार किया जा रहा है जो आकर्षण का केंद्र होगा।