झूमरीतिलैया (कोडरमा)। नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत कई संपत्तिधारियों द्वारा स्व-घोषणा पत्र नही भरा गया है। इसके लिए नगर परिषद द्वारा पूर्व में भी नोटिस निर्गत किया गया था। उसके बावजूद भी हठी सम्पतिधारियों द्वारा स्व-घोषणा नही भरा गया है। नगर पालिका अधिनियम के तहत आवासीय भवन पर 2000 रुपये और गैर-आवासीय पर 5000 रुपये जुर्माना के साथ स्व घोषणा पत्र भरना पड़ेगा। क्योंकि स्व घोषणा पत्र भरने की अंतिम तिथि बहुत वर्ष पहले ही बीत चुका है। कम से कम 7-8 वर्षों से ऐसे हठी लोग संपत्ति कर नहीं दे रहे हैं और ना ही स्व-घोषणा पत्र भरकर जमा किया है।
जिन गृह स्वामियों के द्वारा घोषणा पत्र नही भरा गया है और सरकार के राजस्व छति कर रहे हैं। उसमें से आरवीएस स्कूल, गंगा क्लिनिक, माहुरी धर्मशाला, राणीसती धर्मशाला, पंजाबी धर्मशाला, भगवती ट्रस्ट, चोवा राम मोदी सेवा सदन, साहू धर्मशाला, प्रकाश होटल, फार्मेसी कॉलेज, प्रीतम कौर प्रितपाल सिंह, मधुसूदन दारुका, किरण चंद चैधरी, संजीव बर्णवाल, दशरथ मोदी, झामुमो नेता दीपक विश्वकर्मा, रविन्द्र शांडिल्य, शिव कुमार मोदी, दिप नारायण यादव, प्रकाश राणा, राम नारायण सिंह, संजय यादव, मनोज राम, भोला राम, मनोज चरण पहाड़ी, कल्याण चंद चैधरी एंड ब्रदर, पीर मोहम्मद एंड ब्रदर, जलील, बिनोद बजाज, प्रकाश चंद सराफ, श्यामलाल यादव, रेणु बजाज, जय प्रकाश नारायण, रघु यादव, कौशल्या देवी, बिंदा प्रसाद, श्याम लाल प्रसाद, सलजा प्रसाद, सुनीता देवी, रेखा सिन्हा, फिरोजा बेग़म, खेमन यादव, भिखारी महतो, शंकर वर्मा, अनिता देवी, रजनी बाला, रविन्द्र कौर, राजेन्द्र सिंह, रतन लाल सेठी, रामचंद्र राम, चित्रा देवी, मंजूर आलम, मनोज कुमार, बालमुकुंद राम, रिचपाल अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, अनुराग कुमार, अर्पणा बोस, समेत अनेको गृह स्वामी है।
वहीं प्रशासक हर्षवर्धन ने बताया कि जिन लोगों के द्वारा स्व-घोषणा पत्र भर कर नहीं दिया है, उनलोगों पर झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा 184 के अंतर्गत निम्नलिखित कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। जिसमें कुर्की जप्ती के लिए वारंट निर्गत करना और देय कर की वसूली के लिए चल संपत्ति की बिक्री, देय कर की वसूली के लिए अचल संपत्ति की जप्ती एवं बिक्री, बकायादार के नाम, बैंक खाता तथा अन्य वित्तीय प्रपत्र चाहे एकल या संयुक्त रूप से धारित हो जप्त करने और वसूली करने हेतु वारंट निर्गत करने के साथ साथ देय कर की वसूली के लिए बाॅडी वारंट निर्गत करने का प्रावधान है। उपर्युक्त प्रावधानों के तहत हठी सम्पतिधारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है और अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी।