रांची। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि छ्त्तीसगढ़ शराब कंसलटेंट, सप्लायरों और झारखंड के उत्पाद विभाग ने मिलकर झारखंड के सरकारी राजस्व को 450 करोड़ रुपये से अधिक का उत्पाद राजस्व का घाटा पहुंचाया है। शराब घोटाले में भारी व्याप्त गड़बड़ियों को लेकर मेरे द्वारा शुरुआती दिनों से लेकर लगातार कई बार मुख्यमंत्री को पत्राचार करने के बाद भी उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना साफ बता रहा है कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री दोषी पदाधिकारियों के साथ समान रूप से भागीदार और हिस्सेदार हैं।
मरांडी गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस वर्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कायदे से जिन पदाधिकारियों ने गलत सलाह दिया, उन पर कार्रवाई करनी चाहिए परन्तु लगातार सचेत करने के बाद भी सीएम ने ध्यान नहीं दिया। हमारी मांग है कि जिन अफसरों की मिलीभगत से राज्य को 450 करोड़ रुपए के राजस्व की क्षति हुई है उन पर एफआईआर दर्ज हो। मुख्यमंत्री कार्रवाई नहीं करेंगे तो ऊपर की एजेंसी तो जांच करेगी ही। राज्य हित में उन एजेंसियों से भी इस मामले में कार्रवाई का आग्रह है। मरांडी ने कहा कि सारा मामला छुपा और दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार तब सक्रिय हुई जब छत्तीसगढ़ में ईडी का छापा पड़ा और कई सुराग मिले। झारखंड सरकार के उत्पाद विभाग के सचिव और आयुक्त को नोटिस दिया गया, तब जाकर मामले में हड़कंप मचा। आश्चर्य तो इस बात का है कि 450 करोड़ रुपए रिकवर का नोटिस दिया जाता है और काम भी इन्हीं से लिया जाता है। उत्पाद विभाग ने इनको 450 करोड़ जुर्माना का नोटिस ऐसे वक्त पर लगाया है जब इनकी अवधि का मात्र 10-12 दिन ही बचा हुआ है। आज भी सरकार इन्ही एजेंसियों से काम करवा रही हैं। इससे सरकार की मंशा को समझा जा सकता है। कार्रवाई की बजाय नोटिस दिया जाता है ताकि बचाव के लिए कोर्ट का सहारा लिया जा सके और ये लोग अपनी चमड़ी बचा सके।
मरांडी ने कहा कि झारखंड में शराब घोटाला एक बड़ा भ्रष्टाचार के रूप में सामने आया है। नियोजन नीति के लिए आंदोलनरत छात्रों के ऊपर हुए लाठीचार्ज से संबंधित एक सवाल के जवाब में मरांडी ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचारी भी है और अत्याचारी भी। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,प्रवक्ता सरोज सिंह,सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।