खूंटी। राज्य गठन के दो दशक बाद भी राज्य की जनता समस्याओं के समाधान के लिए भटक रही थी। उनकी सरकार ने जनता की समस्याओं के समाधान का संकल्प लिया है, इसी संकल्प के तहत सरकार घर-घर जाकर जन समस्याओं का त्वरित निदान कर रही है। हमने चुनाव के दौरान ही कह दिया था कि योजनाएं रांची में बैठ कर नहीं, बल्कि घर-घर जाकर बनाई जाएगी। आज हम राज्य सरकार अपना वादा पूरा कर रही है।ये बातें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री शुक्रवार को खूंटी कचहरी मैदान में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जब तक गांव मजबूत नहीं होते, तब तक राज्य मजबूत नहीं हो सकता। इसी सोच के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के 20 वर्षों तक कभी भी किसी अधिकारी को गांव में जाकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनतेे किसी ने न तो कभी देखा था और न ही सुना था। उनकी सरकार ने कार्य योजनाओं की गठरी बांधकर पंचायत पंचायत में शिविर लगाकर योजनाओं को आप तक पहुंचाने का कार्य कर रही है। जब तक मेरे नेतृत्व में सरकार चल रही है, तब तक सरकार के पदाधिकारी और कर्मी आपके द्वार पर आपकी समस्याओं के समाधान के लिए खड़े रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड आज देश में सबसे गरीब राज्य है, लेकिन राज्य गठन के समय यह स्थिति नहीं थी।, उस समय राज्य का बजट सरप्लस था। 20 वर्षों तक राज्य में राज करने वाले विपक्षियों की सरकार ने राज्य को जमकर लूटा और राज्य के खजाना को खाली कर दिया। हम झारखंड को सशक्त राज्य की श्रेणी में खड़ा करने की सोच के तहत अपनी नीतियां और योजनाएं बना रहे हैं और पूरी ताकत के साथ उसे धरातल पर उतार रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बेटियां अब बोझ नहीं बनेगी। घर में जितनी बेटियां है, सभी को सावित्रीबाई फुले योजना का लाभ मिलेगा। पहले 80-90 साल के बुजुर्गाे को भी पेंशन नहीं मिल रही थी, उनकी सरकार 60 वर्ष की आयु वाले सभी बुजुर्गों को पेंशन के लाभ से आच्छादित करने का काम कर रही है। 20 वर्षों तक राज्य में 16 लाख 20 हजार लोगों को पेंशन मिल रही थी, उनकी सरकार ने महज चार वर्षों में 36 लाख से अधिक बुजुर्गों को पेंशन देने का काम किया। राज्य में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए अभी 80 उत्कृष्ट विद्यालय संचालित हैं, जिसे बढ़ाकर पांच हजार करने का लक्ष्य है। सीएम ने कहा कि वर्ष 2021 से शुरू आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पहली बार 35 लाख आवेदन आए और दूसरी बार 55 लाख। इससे साफ है कि पूर्व की सरकारों ने कुछ भी काम नहीं किया था। कोरोना संक्रमण के दौरान राज्य के मजदूरों को पहली बार हवाई जहाज से वापस लाने का काम हमारी सरकार ने किया था। कोरोना के समय सरकार आंख, कान खोलकर जनता की रखवाली कर रही थी। कोरोना के दौरान लोगों की जान बचाने में राज्य के दो मंत्रियों ने अपनी जान दे दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल राज्यकी सरकार गिराने की नित्य नई साजिश कर रह हैं। इसके बावजूद हमने चार साल सरकार चलाकर और सरकार को गांव में पहुंचा कर दिखा दिया। हमने राज्य की एक भी जनता को भूख से मरने नहीं दिया। हमने अपने दम पर अबुआ आवास योजना शुरू की है, राज्य के आवास विहीन हर गरीब को हर हाल में आवास देने का काम किया जाएगा, चाहे इसमें साल दो साल अथवा पांच साल लगे। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक साल यह कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। मौके पर मुख्यमंत्री ने 437 करोड़ 48 लाख रुपये की 76 योजनाओं का शिलान्यास और 406 करोड़ 20 लाख की 27 योजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान 11841 लाभुकों के बीच 88 करोड़ 64 लाख रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। 4737 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित किया गया।
साथ ही मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से 15 लोगों सहित अन्य योजनाओं के लाभुकों को आच्छादित किया गया। मुख्यमंत्री के अलावा ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरकार की उपलब्धियां को गिनाया।