रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य के युवाओं से अपील की कि वे यहां के ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों की खोज करें। समाज को उनके योगदान से अवगत करायें। उन्होंने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे।उन्होंने समाज के मुख्यधारा से वंचित लोगों के अधिकार एवं समानता के लिए आवाज उठायी. वे आज भी हमारे प्रेरणास्रोत हैं। डॉ. लोहिया पहले राजनेता थे जिन्होंने खरसावां घटना के उपरांत वहां जाकर इस घटना की तुलना जालियांवाला बाग की घटना से की। उन्होंने अपनी पत्रिका मैनकाइंड में “खरसावां में रक्त स्नान” शीर्षक नामक एक लेख भी लिखा था। इस दौरान राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश सहित अन्य विशिष्ट जन भी उपस्थित थे। राज्यपाल खरसावां शहीद दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को ऑड्रे हाउस, रांची में ‘चतुर्थ राष्ट्रीय विचार मंथन’ को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने मौके पर कुछ पुस्तकों का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि अनूठी शोध परियोजनाओं से संबंधित इन पुस्तकों की उपलब्धता सभी विश्वविद्यालयों में होनी चाहिए। आज हम भगवान बिरसा मुंडा एवं अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण स्वतंत्र देश में रहते हैं। शहीदों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता व्यक्त करना हमारा कर्तव्य है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समावेशी विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। वे हमारे युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। युवाओं एवं देश को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ‘विकसित भारत@2027: युवाओं की आवाज’ का शुभारंभ किया गया है। यह आजादी के 100वें वर्ष अर्थात 2027 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना है। उन्होंने दो दिवसीय इस कार्यक्रम में सार्थक चर्चा की कामना की। साथ ही इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतों से आये लोगों को सम्मानित भी किया।