दीपक राम काजू
गुमला। गुमला जिला में अपराधिक घटनाओं के साथ-साथ उग्रवादी घटनाओं में तेजी से कमी आयी। अंधविश्वास में होने वाले हत्या में भी काफी कमी आयी है। गुमला पुलिस की सफल रणनीति के कारण उग्रवादी क्षेत्र लगभग छोड़ चुके हैं। वहीं अपराधियों को पुलिस सलाखों के पीछे भेजने में कामयाब साबित हुई है। जिले में नशा उन्मूलन अभियान के तहत एसपी ऐहतेशाम वकारिव के निर्देश पर नशे की गिरफ्त से रिहाई कार्यक्रम व अंधविश्वास को लेकर जागरूकता कार्यक्रम पूरे जिले में चलाया जा रहा है। निसंदेह गुमला पुलिस कप्तान ऐहतेशाम वकारिव के नेतृत्व में गुमला पुलिस हाल के वर्षों में बेहतर काम कर समाज में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभायी है। उग्रवादियों के खिलाफ लगातार चलाये गये सर्च अभियान के कारण जिले में नक्सली बैकफुट में चले गये हैं। वर्ष 2022-23 में गुमला पुलिस के द्वारा 12 मामले ही दर्ज किये गये।
जबकि वर्ष 2020-21 में 27 केस व 2021-22 में 35 मामले दर्ज किये गये थे। पुलिस की रणनीति के आगे पीएलएफआई संगठन जिले से लगभग समाप्ति की ओर है तो भाकपा माओवादी संगठन में भी फिलहाल जिले में दस से बारह सदस्य ही बचे हैं। अर्थात गुमला जिला नक्सल मुक्त होने के कगार पर पहुंच गया है। वहीं जिले में अपराध कर्मियों के विरूद्ध 1369 कांड दर्ज किया गया। जिसमें पुलिस ने 1466 कांडों का त्वरित गति से निष्पादन किया। वर्ष 2022-23 में हत्या के कुल 87 मामले दर्ज किये गये। जो विगत वर्ष 2021-22 की तुलना में कम रहा। 2021-22 में हत्या के कुल 133 मामले दर्ज किये गये थे। गुमला जिला में नशापान के खिलाफ अभियान चलाकर 50 कांड पुलिस ने दर्ज की और 45 अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में सलाखों के पीछे भेजा। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने बड़ी मात्रा में गांजा, कप सिरप, ब्राउन सुगर, कोरेक्स, देश व विदेशी शराब जब्त किया गया।
अंधविश्वास को लेकर चलाये गये जागरूकता अभियान का परिणाम भी गुमला पुलिस के लिए सुखद रहा और वित्तीय वर्ष 2022-23 में डायन-बिसाही मामले में मात्र 22 केस ही दर्ज किये गये। जबकि अंधविश्वास में दो लोगों की हत्या हुई। वहीं अवैध खनन को लेकर भी पुलिस ने टीम गठन कर काम किया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 92 कांड दर्ज करते हुए पुलिस ने 120 वाहनों को जब्त किया और 64 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस द्वारा लगातार चलाये जा रहे वाहन जांच के कारण सड़क दुर्घटना में भी कमी आयी है। वहीं पशु तस्करी के खिलाफ भी गुमला पुलिस की रणनीति कारगर रही। वर्ष 2022-23 में पशु तस्करों के खिलाफ 44 मामले दर्ज करते हुए 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि 855 गोवंशीय पशुओं को जब्त किया गया।
गुमला पुलिस ने वर्ष 2022-23 में 11 लोगों पर सीसीए लगाया तथा 24 लोगों का नाम दागी व 49 लोगों पर निगरानी की कार्रवाई हुई। वहीं 67 लोगों के नाम गुंडा सूचि में अंकित किया गया। पुलिस कप्तान ऐहतेशाम वकारिव ने बताया कि नाबालिक बच्चों की तस्करी रोकने के लिए गुमला पुलिस ने अहतु क्लब की स्थापना की जो पूरे राज्य में अकेला क्लब संचालित है। वहीं झारखंड राज्य के पहले जिले के रूप में बीट पुलिसिंग के तहत 250 क्यूआर कोड बास्ट सिस्टम लगाकर क्षेत्र में निगरानी की जा रही है।