रांची, 24 जनवरी (हि.स.)। झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) की संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा, 2023 के लिए अधिकतम एवं न्यूनतम आयु सीमा की गणना के लिए कट-ऑफ तिथि के निर्धारण की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग की महिलाओं को 50 साल की उम्र में ही पेंशन मिलने लगेगी।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।कैबिनेट ने 25 प्रस्तावों पर मुहर लगाई, जिसमें 140 मध्य विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालय में अपग्रेड करने, गर्भवती महिला को 1400 रुपये की 14 प्रकार की मातृत्व किट देने का भी फैसला हुआ। इसका लाभ राज्य की छह लाख महिलाओं को मिलेगा।
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने पत्रकारों को इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद बनाए गए हैं, जो अगले तीन वर्षों तक रहेंगे। तत्कालीन उपनिदेशक सुनील कुमार सेवानिवृत अधिकारी के पेंशन से 10 प्रतिशत मासिक कटौती का आदेश दिया गया है।
इसके अलावा कैबिनेट के अन्य फैसले
-पीएमजीएसवाई के फेज 1 और 3 के रिवाइज 208 करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति दी गई।
-धनबाद में काको से विनोद बिहारी चौक 20 किलोमीटर तक फोरलेन रोड के लिए 461.90 करोड़ की रिवाइज्ड ऐस्टीमेट की स्वीकृति दी गई।
-झारखंड जमाकर्ता हित 2011 को समाप्त किया गया है। अभिकेंद्र के अनुरूप नया एक्ट लागू है।
-सीआईडी से जुड़े केस, अनुसंधान के लिए एडिशनल जस्टिस कोर्ट का गठन हुआ।
-महिला बाल विकास के अंतर्गत समेकित बाल विकास परियोजना के संविदा कर्मियों को राज्य सरकार के मद से वेतन मिलेगा।
-सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले होम लोन को 30 लाख से बढ़ाकर 60 लाख रुपये तक करने की मंजूरी दी गयी। यह लोन 7.5 फीसदी ब्याज दर पर दिया जायेगा। वहीं, लोन के अगेंष्ट संपत्ति के बंधक रखने की अनिवार्यता भी समाप्त होगी।
-गृह निर्माण के लिए जो घोषित प्लॉट है, किसी वित्तीय संस्थान को नहीं दिया जाएगा। इसका शपथ पत्र देना होगा।
-बैठक में सात हजार से अधिक उर्दू शिक्षकों के पद सृजन की स्वीकृति दी गयी। विधानसभा नियुक्ति से गड़बड़ी संबंधित जांच रिपोर्ट को आगामी विधानसभा सत्र में रखने की मंजूरी दी गई।
– महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत बिरधा पेंशन योजना के तहत पेंशन आयु सीमा 60 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष तक कर दी गई। इसका लाभ 18 लाख महिलाओं और एसटी-एससी महिलाओं को मिलेगा।
– झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस.जे. मुखोपाध्याय, पूर्व न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग द्वारा समर्पित रिपोर्ट पर सभा सचिवालय द्वारा कृत कार्रवाई प्रतिवेदन को झारखंड विधानसभा के आगामी सत्र में सदन पटल पर उपस्थापित किये जाने की स्वीकृति दी गई।