रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को ईडी ने करीब सात घंटे पूछताछ की। इसके बाद ईडी की हिरासत में हेमंत सोरेन राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को इस्तीफा देने गए। उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। उनकी जगह अब झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन नये नेता चुने गये हैं। इस बात की पुष्टि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री बन्ना गुप्ता और राज्यसभा सांसद महुआ माजी सहित कई विधायकों ने की है।
हेमंत सोरेन से पहले महागठबंधन के विधायक राजभवन पहुंचे थे लेकिन महागठबंधन के पांच मिनट के बाद ही बाहर कर दिया गया। सभी विधायक राजभवन के बाहर हंगामा कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि चंपई सोरेन को बुधवार रात में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी जाए।
जमीन से जुड़े मामले में इससे पूर्व 20 जनवरी को मुख्यमंत्री से ईडी ने करीब सात घंटे पूछताछ की थी।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी की तरफ से आठवीं बार समन जारी किया गया था। ईडी के अधिकारियों ने उन्हें समय और तारीख दोनों बताने का ऑफर दिया था, ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। मुख्यमंत्री ने आठवां समन भेजे जाने के बाद पूछताछ के लिए सहमति दी थी। इसके बाद ईडी ने पूछताछ के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए तिथि, समय और स्थान बताने को कहा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए सहमति दी थी।
ईडी ने 29 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। करीब 13 घंटे चली इस छापेमारी में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास से बीएमडब्ल्यू कार और 35 लाख रुपये नकद सहित दस्तावेज बरामद किया था। ईडी की टीम कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन के बंगले पर पहुंची थी। हालांकि मुख्यमंत्री नहीं मिले।
उल्लेखनीय है कि झारखंड में बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिल रहा है। जांच के दायरे में आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया है। झारखंड टाइगर नाम से मशहूर चंपई सोरेन अब राज्य के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
चंपई सोरेन फिलहाल झारखंड सरकार के यातायात, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हैं। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं। बताया जाता है कि चंपई सोरेन राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। चंपई सोरेन के पास 41 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। 80 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है।
इन वजहों से हेमंत सोरेन पर ईडी ने कसा शिकंजा
अवैध तरीके से जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में झारखंड, बंगाल व बिहार के 22 ठिकानों पर 13 अप्रैल 2023 को ईडी ने छापेमारी की थी। दूसरे दिन जारी इस छापेमारी में हिरासत में लिए गए सात आरोपितों बड़गाईं अंचल का अंचलाधिकारी भानु प्रताप प्रसाद, फर्जी कागजात तैयार करने वाले अफसर अली, सद्दाम, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, प्रदीप बागची व फैयाज खान को ईडी ने गिरफ्तार किया था। छापेमारी के दौरान सेना के कब्जे वाली जमीन के मूल कागजात को भी ईडी ने जब्त कर पुराने व नये कागजात की फॉरेंसिक जांच करायी तो पता चला कि जमीन के कागजात में हेराफेरी कर रैयत के नाम में भी फेरबदल किया गया है। बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास और मोबाइल फोन से बरामद दस्तावेज बरामद हुए थे। इन दस्तावेज की छानबीन और उनसे जुड़े तथ्यों के सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है। जमीन घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक 236 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद की परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था न बिगड़े इसको लेकर वित्त विभाग के सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा के लिए 7,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दिया गया है।
सीएम ने ली हाइकोर्ट की शरण, ईडी के समन के खिलाफ याचिका दायर: सीएम हेमंत सोरेन के द्वारा ईडी के समन के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में ईडी द्वारा सीएम को सेक्शन 50 के तहत दिए गए समन को चुनौती देते हुए कहा गया है कि ईडी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर बार-बार उन्हें समन कर रही है। हालांकि अब तक उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं हुई है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ईडी के समन को हाइकोर्ट में और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी।
हेमंत सोरेन की ओर से दायर याचिका में ईडी की कार्यवाही को गलत बताया गया है। सोरेन का कहना है कि ईडी के अधिकारी उन पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। इस आधार पर उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हावाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि जांच एजेंसी के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं करने के आधार पर किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं।