पटना: बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार के रखे विश्वास मत प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया। सदन में वोटिंग कराई गई। नीतीश सरकार के पक्ष में 129 वोट पड़े। वहीं विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले ही एनडीए गठबंधन सरकार का बहुमत साबित हो गया है।
आरजेडी कोटे से स्पीकर बने अवध बिहारी चौधरी को हटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग में 125 विधायकों ने सरकार के समर्थन में वोट किया जबकि विपक्ष के साथ 112 विधायक ही रहे। स्पीकर को हटाने में सरकार के साथ 125 विधायकों के खड़े होने से ये साफ हो गया था कि नीतीश कुमार के पास बहुमत है और अब विश्वास मत पर बहस के बाद मत विभाजन की एक औपचारिकता ही बची थी। उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी सदन का संचालन किया। हजारी ने पहले ध्वनिमत से स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव पास होने की बात कही जिसका तेजस्वी समेत विपक्ष के नेताओं ने विरोध किया और मत विभाजन की मांग की थी।
तेजस्वी ने सदन में वोटिंग के समय डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की मौजूदगी पर भी आपत्ति जताई क्योंकि वो विधान परिषद के सदस्य हैं। आरजेडी को बड़ा झटका लगा है और उसके तीन विधायक टूटकर नीतीश के पाले में चले गए हैं। आरजेडी विधायक चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ बैठे थे।