धुरकी। समाज के दबे कुचले तथा शोषितों दलितों एवं पिछड़ों के आवाज थे संविधान के शिल्पकार डॉ भीमराव अंबेडकर। उक्त बातें मगंलवार की रात्रि धुरकी प्रखंड के खाला गांव के पंचायत भवन के सामने संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती समारोह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बामसेफ झारखंड के को-ऑर्डिनेटर और एससी एसटी कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष रघुराई राम ने कही।
उन्होंने डॉ अंबेडकर के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज समाज में यदि बोलने, चलने का हक एवं अधिकार मिला है तो वह बाबा साहब के बदौलत ही मिली है। उन्होंने नारी शिक्षा, समाज को नशा मुक्त एवं अपने हक अधिकार के प्रति जागरूक होने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि ज्योतिबा बाई फुले की बदौलत ही नारी शिक्षा का अधिकार मिला है। मौके पर बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव व भवनाथपुर विधानसभा के पूर्व एवं भावी विधायक प्रत्याशी मनीष कुमार सिंह, बसपा के जिला उपाध्यक्ष डॉ श्रवण कुमार कुशवाहा,
भाजपा के मंडल प्रभारी लक्ष्मण राम, इंद्रमणि जायसवाल, साबिर अंसारी, इस्लाम खान, कमलेश सिंह गोंड, सदाकत अली, रामभरोसा राम, अमरेश यादव, गुलाब राम, प्रेमचंद राम, विनोद राम, बीस सूत्री सदस्य बिमला देवी, रामबिशून राम, सीताराम देहाती, महताब आलम, सीमा देवी, मीना देवी, कनक कुमार विश्वास, एकलाख अंसारी, महेन्द्र राम, तिलकेश्वर निराला, नन्दकुमार राम, गायिका पूजा कैमूरी, बिक्लेश भारती आदि लोग उपस्थित थे।