धनबाद। धनबाद रेल स्टेशन के दक्षिणी हिस्से के प्लेटफार्म संख्या 7 पर शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना की खबर से इमरजेंसी सायरन की आवाज सुनाई देती है। चीख पुकार मच जाती है। देखते ही देखते रेलवे की बचाव टीम मौके पर पहुंचती है। साथ में एनडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में लग जाते हैं। आनन-फानन में घायलों को एम्बुलेंस से धनबाद स्थित रेल अस्पताल भेजा जाता है। तब तक रेलवे की सेफ्टी टीम, वरीय अधिकारी डीआरएम केके सिन्हा के नेतृत्व में मौके पर पहुंच राहत और बचाव कार्य तेज करने का निर्देश देते हैं।
वास्तव में यह कोई वास्तविक ट्रेन दुर्घटना नहीं, बल्कि रेलवे और एनडीआरएफ की टीम की संयुक्त मॉक ड्रिल थी, जो देखने में वास्तविक ट्रेन दुर्घटना लग रही थी। यह मॉक ड्रिल दुर्घटना से बचने और विपरीत परिस्थितियों में प्रभावी रूप से निपटने के लिए किया गया। राहत बचाव टीम को पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी के पटरी से उतरने की खबर मिली थी। इसके बाद महज 20 मिनट में ही टीम घटना स्थल पर पहुंच गई। टीम ने वहां पहुंचते ही अपना अभ्यास शुरू कर दिया।
ट्रेन की बोगी के पटरी से उतरने के साथ बोगी एक दूसरे पर चढ़ गई थी। दुर्घटना की खबर पर रेलवे का स्थानीय अमला सक्रिय हो गया। कंट्रोल रूम को तत्काल इसकी सूचना दी गई। इसके बाद रेलवे की आपदा प्रबंधन टीम रेलवे स्टेशन यार्ड के लिए रवाना हुई। साथ ही एनडीआरएफ की टीम जो घटना के वक्त धनबाद से कुछ दूरी पर थी, उन्हें भी सूचना दी गई।