बेगूसराय। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोविड-19 से सीख का एकीकरण, प्रतिरक्षण के बाद प्रतिकूल घटना, बुखार, एएफपी और डीपीटी निगरानी पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अयोध्या शिवकुमारी आर्युवेद चिकित्सा महाविद्यालय में शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. गोपाल मिश्रा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. गीतिका शंकर एवं प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास त्रिपाठी दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यशाला में महाविद्यालय के चिकित्सक, प्राध्यापक एवं मेडिकल छात्र सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। जिसमें आरआई सुदृढ़ीकरण, प्रतिरक्षण के बाद प्रतिकूल घटना, एफआर, एएफपी और डीपीटी निगरानी योजना के साथ कोविड-19 से सीख का एकीकरण विषय पर चर्चा किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जिले में कोविड के पॉजिटिव रोगियों के संख्या में वृद्धि हो रही है। इसलिए आवश्यक है कि पुनः कोविड संबंधित नियमों का पालन किया जाए।
प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने नियमित टीकाकरण में देश, राज्य एवं जिले की स्थिति तथा एईएफ आई सर्विलांस के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार एमआर उन्मूलन का लक्ष्य दिसम्बर-2023 रखा गया है। यूनिसेफ के एसएमसी ज्ञानप्रकाश संजय के द्वारा नियमित टीकाकरण के संबंध में बताया गया।
डब्ल्यूएचओ के एसएमओ ने कहा कि 2023 में अभी तक जिले में 57 मिजिल्स आउटब्रेक के मामले मिले है। जिनमें से पांच मामले में मिजिल्स की पुष्टि हुई है। जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा खसरा एवं रुबैला का अतिरिक्त डोज दिया जा रहा है। अस्पताल या घर के आसपास कोई एफआर, एएफपी या डीपीटी का संदिग्ध रोगी मिले तो इसकी सूचना डब्ल्यूएचओ को दें। जिससे समय पर जांच कर आवश्यक कार्यवाही किया जा सके।