खबर मन्त्र ब्यूरो
गुमला। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का सौ वां एपीसोड 30 अप्रैल को पूरा होगा। सौ वें एपीसोड में मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुमला के वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल राजा दुर्जन शाह का किला नवरत्न गढ़ (प्राचीन नाम डोयसा गढ़) पर चर्चा करेंगे। यह किला सिसई प्रखंड के नगर गांव में अवस्थित है। प्रधनमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में नवरत्न गढ़ का उल्लेख की जानकारी मिलने पर नवरत्नगढ़ किला को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। 29 अप्रैल की रात में करीब 7:00 बजे से आयोजित उक्त कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है। नवरत्न गढ़ में मन की बात कार्यक्रम को लेकर मोदी सेल्फी प्वाइंट, देश में विलुप्त होता रेडियो की आकर्षक डिजाइन 8 फीट का बनाया गया है जो लोगों को आकर्षित करेगा।
साथ ही साथ आकर्षक लाइट की व्यवस्था की गई है। प्रदर्शनी के नाम पर विभिन्न प्रकार के फोटो लगाए गए हैं। वहीं भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के निर्देश पर स्थानीय नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवकों को प्रचार प्रसार की जिम्मेवारी सौंपी गई है। बताते चलें कि करीब 27 एकड़ भूमि में अवस्थित उक्त किले को 27 सितंबर 2019 को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में चिह्नित किया गया है। राजा दुर्जनशाल ने अंग्रेजों से अपनी रक्षा के लिए नवरत्नगढ़ किला का निर्माण कराया था। किला का अधिकांश हिस्सा जमीनदोज हो गया है। जबकि उसका कुछ भाग शेष रह गया है। किले की बनावटी सुरक्षा के दृष्टिकोण से की गई है। नवरत्न गढ़ के किले की खुदाई भी हाल के दिनों में हुई है। जिसमें जमीन में दफन कई कमरे मिले हैं। किले के पास ही बड़ा तालाब है। वहीं पास में प्राचीन शिवलिंग है।
जिसका कथा भी रोमांचित करती है। कहते हैं कि एक गाय वहां आकर सांप को दुध पिलाया करती थी। सांप रूप में स्वयं भोलेनाथ आते थी। इस घटना के बाद स्वयं राजा दुर्जनशाल ने एक भव्य मंदिर का निर्माण भी कराया है। हालांकि किला काफी जर्जर हो गया है। जिसकी मरम्मत कर उसे भव्य रूप देने की आवश्यकता है। लोग दूर-दूर से किले व उसकी खुबसुरती के दर्शन करने आते हैं। नवरत्न गढ़ किला अपने अंदर वास्तुकला के कई कलाकृतियां समेटे हुए है। आज भी किले की दीवार व उसकी बनावट लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इधर मन की बात कार्यक्रम को लेकर आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। गुमला जिला के सिसई का नगर नवरत्न गढ़ झारखंड का इकलौता राष्ट्रीय धरोहर है।