कोडरमा। हमारा संविधान बच्चों सहित सभी को सम्मानपूर्वक जिंदगी जीने का अधिकार देती है, पर यह अधिकार तब छिन जाता है जब किसी की शादी कम उम्र में कर दी जाती है। इससे बच्चों का मौलिक अधिकार का हनन होता है, इसे समझना हम सभी का कर्तव्य है। यदि किसी भी गांव में ऐसी घटना घटती है तो उसे शर्मनाक माना जाना चाहिए। आज इस प्रथा के कुप्रभावों को समझना और इसे रोकना बहुत जरूरी है और यह जागरूकता, शिक्षा, समझदारी, सहयोग और समन्वय से ही संभव है। यह बात आशा संस्था की ओर से कोडरमा स्थित होटल सेलिब्रेशन में आयोजित प्रेस वार्ता में गल्र्स नोट्स ब्राइड्स के प्रतिनिधि इन्द्रमणि साहू ने कही। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक वैश्विक और सामाजिक मुद्दा है इसकी रोकथाम को लेकर काम जारी है।
गल्र्स नोट्स ब्राइड्स 100 से ज्यादा देशों में कार्य कर रही है, इसकी रोकथाम में मीडिया, सरकार एवं स्वैच्छिक संगठनों का अहम् योगदान है। वहीं समर्पण के सचिन कुमार ने बाल विवाह से बच्चों में होने वाले सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों की जानकारी देते हुए कहा कि इस कुप्रथा को जड़ से खत्म करना बेहद जरुरी है। वहीं आलोक कुमार सिन्हा ने कहा कि हम सभी को बच्चों के प्रति गंभीर रहने और उनके अधिकारों की जानकारी रखना जरूरी है, उन्होंने कहा कि कोविड एवं जिला में ढिबरा कारोबार बंद होने के बाद यहां बाल विवाह, बाल यौन उत्पीडन, बाल तस्करी जैसी घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
मौके पर पिंकी देवी, प्रभाकर कुमार दास, मनीषा मेहता, वीणा कुमारी, सुनीता कुमारी, मंगलदेव रजक, बिमला देवी, उमेश कुमार, दीपक कुमार सिंह, जीतेन्द्र कुमार सिंह, रजनी राणा आदि मौजूद थे।