कोडरमा। दहेज के लिए हत्या किए जाने के एक मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को आरोपी ससुर यादव, पिता ललन व सास सुनीता देवी पति सरयू यादव सतगांवा निवासी को 304 (बी) आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 7 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। 201/34 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 3 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाया। साथ ही पांच हजार रूपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाऐं साथ-साथ चलेंगी, मामला वर्ष 2022 का है। इसे लेकर सतगावां थाना कांड संख्या 127/2022 एवं एसटी 94/2022 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अभियोजन का संचालक लोक अभियोजक पीपी एंजेलिना वारला ने किया। इस दौरान सभी 10 गवाहों का परीक्षण कराया गया। लोक अभियोजक पीपी एंजेलिना वारला ने कार्रवाई के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय से अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनवर हुसैन ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्षयों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।
इसे लेकर मृतक के पिता कोलेश्वर यादव ने सतगावां थाना में मामला दर्ज कराया था। वहीं आवेदन में कहा था कि उसकी पुत्री ममता देवी की शादी वर्ष 2018 में सतगावां निवासी बबलू यादव पिता सरयू यादव के साथ हुई थी, कुछ दिन ठीक रही। इस दौरान उसे दो पुत्री हुई। उसके बाद दहेज के रूप में एक बोलेरो गाड़ी मांगने लगे और देने में असमर्थता जताने पर मेरी पुत्री को प्रताड़ित करने लगे। इसे लेकर पंचायती भी हुई मगर कोई फायदा नहीं हुआ। 24 अक्टूबर 2022 को गांव वालों ने फोन किया कि आपकी पुत्री की तबीयत खराब है, तभी मैं मोटरसाइकिल से तुरंत वहां पहुंचा मगर वहां पर कोई नहीं था। पता चला कि साक्षय मिटाने के उद्देश्य से उसकी पुत्री की ससुराल वालों द्वारा हत्या कर लाश को जला दिया है। उन्होंने थाने को दिये आवेदन में उचित कार्रवाई करने की मांग की थी।