कोडरमा। सिविल सर्जन कार्यालय, जिला जनसंपर्क कार्यालय समेत अन्य कार्यालयों में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया और तंबाकू उत्पादों के नहीं सेवन को लेकर शपथ दिलाया गया। वहीं सदर अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में सिविल सर्जन डाॅ. अनिल कुमार ने बताया कि तंबाकू एवं इसके उत्पादों के सेवन से व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं, तंबाकू का सेवन या धूम्रपान की शुरूआत ज्यादातर किशोरावस्था या किशोरावस्था के आरम्भिक दौर में होती है, जो कि अक्सर युवा लोगों को आकर्षित करता है। धूम्रपान करने वाले माता-पिता के बच्चों में गैर धूम्रपान करने वाले माता-पिता के बच्चों से धूम्रपान करने की संभावना अधिक होती है।
वहीं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. रंजीत कुमार ने कहा कि तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में हर 9वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है। कई लोग तंबाकू को खाते हैं तो कई लोग इसे स्मोकिंग के रुप में करते हैं। तंबाकू कई प्रकार की लाईलाज बीमारियों और हमारी क्वालिटी आॅफ लाइफ को प्रभावित करता है।
वहीं राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल पदाधिकारी डाॅ. रमण कुमार ने तंबाकू एवं इससे बने उत्पादों के उपयोग पर नियंत्रण को लेकर विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि तंबाकू के ज्यादा सेवन करने से फेफड़ों के कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि तंबाकू में क्रोमियम, आर्सेनिक, बंजोपाइरींस, निकोटीन, नाइट्रोसामाइंस जैसे तत्व अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा फेफड़ों का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हृदय रोग, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है। जब आप तंबाकू या इससे बनें उत्पादों का उपयोग करने वाले दूसरे लोगों के संपर्क में नहीं रहते हैं तो इसका उपयोग छोड़ना आसान होता है।
जिला मलेरिया पदाधिकारी डाॅ. मनोज कुमार एवं जिला आर.सी.एच. पदाधिकारी डाॅ. कुलदीप कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि तंम्बाकू या इससे बने पदार्थ के उपयोग से सिर्फ उपयोग करने वालों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसलिए तंबाकू से बने उत्पाद जैसे सिगरेट, गुटखा, खैनी, गांजा आदि ऐसी किसी भी चीज का सेवन करने वालों के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। इसलिए इससे स्वंय को दुर रखनें व अपनें बच्चों पर सतत निगरानी रखनें की आवश्यकता है। जागरूकता हेतू हस्ताक्षर अभियान के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ।
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार ने बताया कि तंबाकू के सेवन से न केवल व्यक्ति बल्कि संपूर्ण परिवार प्रभावित होता है। इससे दूर रह कर हम सशक्त परिवार और समाज का निर्माण कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में डाॅ. रामाशीष चैधरी, डाॅ. बिपिन कुमार, डाॅ. सुनील कुमार मोदी, डाॅ. शरद कुमार, डीपीएम महेश कुमार, डीडीएम पवन कुमार, डीपीसी पंकज कुमार, डीयूएचएम विनीत अग्निहोत्री, दीपेश कुमार, सिद्धांत ओहदार, हिमांशु कुमार, शंभू कुमार, रवि शंकर, रेमिश हेम्ब्रम, गणेश कुमार दास, इंदिरा कुमारी, मुकेश राणा, ललन राणा समेत सभी स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।