सतगावां (कोडरमा)। प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग की कारनामे को देखते ही आप दांतो तले उंगली दबा लेंगे। बता दें की स्वास्थ्य विभाग जननी सुरक्षा योजना में काफी वित्तीय अनियमितता और घोटाला का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें एक ही महिला के 12 बार प्रसव कराया गया, वहीं पुरुष को भी मां बनाया गया। इस मामला को लेकर उपायुक्त मेघा भारद्वाज के द्वारा डीडीसी ऋतुराज के नेतृत्व में पांच सदस्य जांच टीम का गठन किया गया। जिसमें डीटीओ डाॅ. रमण कुमार, जिला लेखा पदाधिकारी, डीपीएम महेश कुमार, डैम राकेश पाण्डेय सोमवार को सतगावां स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर 5 घंटा लगातार गहन जांच किया गया।
वहीं जांच के दौरान लगभग दो दर्जन महिलाओं को बुलाकर पूछताछ की गई। सूत्रों से बताया गया कि पूछताछ में महिला का नाम और पति का नाम है पर उनके खाते में पैसा नहीं गया। वहीं स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत बीटीटी पद पर दिनेश चैधरी एवं उनकी पत्नी ममता कुमारी सहिया, उसके बेटे अतुल चैधरी के नाम तथा अन्न उन लोगों के खाते में जननी सुरक्षा योजना संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहन राशि भेजा गया।
स्वास्थ्य विभाग संबंधित योजना है तो निश्चित रूप से विभाग के कर्मी दोषी हैं: ऋतुराज
डीडीसी ऋतुराज ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। यह वित्तीय अनियमितता से संबंधित है। अभी आठ लोगों को पीआर पर छोड़ा गया है। जिसमें लेखापाल अजीत कुमार, बीटीटी दिनेश चैधरी, अतुल चैधरी, सहिया ममता देवी, अंजू देवी, चालक राकेश कुमार, कंप्यूटर आॅपरेटर विपुल कुमार, इलेक्ट्रिशियन अनुज कुमार उपायुक्त के समक्ष रिपोर्ट भेजा जाएगा जो आदेश प्राप्त होगा, उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी एवं संबंधित खाता की जानकारी बैंक से स्टेटमेंट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।