कोडरमा। सीटू से संबद्ध झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन (आइफा) की ऑनलाइन बैठक गुरूवार को जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद की अध्यक्षता में की गयी। वहीं बैठक का संचालन जिला सचिव वर्षा रानी ने कीं। वहीं उन्होंने कहा कि सेविका सहायिका को प्रत्येक वर्ष क्रमशः 500 और 250 रूपये बढाना है जो जुलाई 2023 से ही लागू होना था। कई जिला में यह लागू हो गया है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते कोडरमा जिला में लागू नहीं हुआ है। इस मुद्दे पर बैठक में चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि 30 सितंबर को एक दिवसीय हड़ताल कर जिला मुख्यालय पर सेविका सहायिका द्वारा विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। आंदोलन के माध्यम से बाजार दर पर अण्डा की राशि देने व इसके लिए अग्रिम भुगतान करने की भी मांग की जाएगी।
वहीं ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि सेविका सहायिका अपने आंगनबाड़ी में बच्चों की देखभाल, नर्सरी शिक्षा, ताजा नाश्ता खाना देने के अलावा दर्जनों काम सरकार इनसे कराती है तथा सर्वजन पेंशन, सावित्रीबाई फुले योजना, मंईयां सम्मान योजना, अनाथ बच्चों का सर्वे सहित कई काम अलग से कराया जाता है, जिसका कोई अलग से मेहनताना नहीं दिया जाता है, हर सप्ताह परियोजना कार्यालय बुलाया जाता है, जहां न ठीक से बैठने की और न ही पेयजल की व्यवस्था होती है, कोई यात्रा भत्ता भी नहीं दिया जाता है। आवंटन होने के बावजूद बीएलओ का मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है। इसे लेकर इनके समक्ष आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है।
वहीं झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि झारखंड सरकार 2022 में सेविका सहायिकाओं के लिए नियमावली बनाई थी। जिसके आधार पर सेविका सहायिकाओं के मानदेय में थोड़ी बढ़ोतरी हुई थी, मगर इस महंगाई के दौर में वह काफी कम है। इसलिए हम सेविका सहायिका आंदोलन को मजबूर हुए हैं।
बैठक में सतगावां, डोमचांच, मरकच्चो, जयनगर व कोडरमा परियोजना की आंगनबाड़ी नेत्री संतोषी कुमारी, बेबी कुमारी, लीला कुमारी, मंजू मेहता, कविता यादव, उमा मोदी, हीना प्रवीण, चिंतामणी देवी, नीलम यादव, अर्चना देवी, विमला देवी, सुमैया जमीर, मीना देवी, सोनी कुमारी, संध्या बर्णवाल, प्रतिमा कुमारी, ललिता कुमारी, उषा देवी, अनुभा कुमारी, बबीता देवी, नाजरा, श्रुति, सुनीता, वसुंधरा आदि शामिल थीं।