महाकुम्भ नगर। मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान के लिए मंगलवार तड़के से ही संगम तट की ओर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ने लगा है। दूसरे अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने की संभावना जताई गई है। ऐसे में प्रयागराज रेल मण्डल ने भी श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं।
मौनी अमावस्या पर्व पर बुधवार को प्रयागराज रेल मण्डल ने शहर के सभी स्टेशनों पर यात्रियों के आने और जाने के लिए विशेष योजना बना ली है। इसके लिए प्रयागराज जंक्शन पर श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास की विशेष व्यवस्था प्रतिबंध के साथ लागू की है। ये प्रतिबंध मौनी अमावस्या के स्नान पर्व के एक दिन पहले मंगलवार से ही लागू हो गया है। प्रतिबंध शुक्रवार तक लागू रहेंगे।
मौनी अमावस्या पर्व पर प्रयागराज जंक्शन पर प्रवेश केवल सिटी साइड, प्लेटफ़ॉर्म नं.-एक की ओर से दिया जाएगा। निकास केवल सिविल लाइंस साइड, प्लेटफार्म न. 6 की ओर से दिया जा रहा है। आरक्षित यात्रियों, जिनका पहले से टिकट रिजर्व है, उन्हें सिटी साइड के गेट नंबर- 5 से अलग से प्रवेश मिल रहा है। वहीं अनारक्षित यात्रियों को दिशावार कलर कोडेडे आश्रय स्थलों के माध्यम से प्रवेश कराया जा रहा है। रेलवे के अफसरों के अनुसार टिकट के लिए आश्रय स्थलों में ही अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग की व्यवस्था है। भीड़ के अतिरिक्त दबाव का प्रबंधन करने के लिए खुसरो बाग में एक लाख लोगों के ठहरने के लिए होल्डिंग एरिया बनाया गया है।
नैनी, छिवकी, सूबेदार गंज स्टेशनों पर भी विशेष कार्य योजना लागू
मौनी अमावस्या पर्व पर बुधवार को नैनी जंक्शन में प्रवेश केवल स्टेशन रोड से और निकास केवल मालगोदाम की ओर से होगा। आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर-दो से अलग से प्रवेश दिया जाएगा। वहीं प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से और निकास केवल जीईसी नैनी रोड की ओर से होगा। आरक्षित यात्री गेट नंबर -दो से प्रवेश करेंगे। सूबेदार गंज स्टेशन में प्रवेश झलवा, कौशाम्बी रोड की ओर से होगा, जबकि निकास केवल जीटी रोड की ओर होगा।
आरक्षित यात्री गेट नंबर-तीन से प्रवेश करेंगे। अनारक्षित यात्रियों के लिए सभी स्टेशनों पर दिशावार कलर कोडेड आश्रय स्थल बनाये गये हैं। जहां से यात्रियों को उनके जाने के गंतव्य स्टेशन के मुताबिक आश्रय स्थलों में अलग-अलग कलर के टिकट के हिसाब से प्लेटफार्म में पहुंचाया जाएगा। जहां से नियमित और मेला स्पेशल ट्रेनों से यात्रियों को उनके गंतव्य स्टेशनों तक पहुचांया जाएगा।
मौनी अमावस्या पर बन रहा ग्रहों का मंगलकारी योग, स्नान दान का विशेष महत्व
मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहते हैं क्योंकि यह माघ महीने में आती है। सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में लोग आस्था की डुबकी लगाकर देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं। साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करते हैं। मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य राकेश तिवारी के अनुसार, मानें तो मौनी अमावस्या पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
शुभ मुहूर्तवैदिक पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की शुरुआत 28 को जनवरी को होगी। वहीं, समापन 29 जनवरी को होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। अतः 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। मौनी अमावस्या का प्रारंभ 28 को जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 35 मिनट पर होगा और समापन 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। साधक 29 जनवरी के दिन सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
श्रवण नक्षत्रज्योतिषियों की मानें तो वर्षों बाद मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग में गंगा स्नान करने से महापुण्य फल मिलता है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 20 मिनट से हो रहा है। इससे पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग है। ज्योतिष श्रवण नक्षत्र को स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप एवं दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलता है।
शिववास योगमौनी अमावस्या पर शिववास योग का भी संयोग है। मौनी अमावस्या के दिन देवों के देव महादेव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ शाम 06 बजकर 05 मिनट तक रहेंगे। इस समय में शिव-शक्ति जी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।
सिद्धि योगमौनी अमावस्या पर सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। मौनी अमावस्या पर सिद्धि योग रात 09 बजकर 22 मिनट तक है। साथ ही मौनी अमावस्या पर श्रवण एवं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।
पंचांगसूर्योदय – सुबह 07 बजकर 11 मिनट परसूर्यास्त – शाम 05 बजकर 58 मिनट परब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तकविजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 05 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 55 मिनट से 06 बजकर 22 मिनट तकनिशिता मुहूर्त – देर रात 12 बजकर 08 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक
मौनी अमावस्या पर स्नान के बाद करें ये काम
इस बार मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में अमृत स्नान के बहुत ही खास संयोग बन रहे हैं। भगवान विष्णु की विधिपूर्वक उपासना करेंपण्डित अवधेश मिश्र शास्त्री के अनुसार, अमावस्या के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक उपासना करें। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में या फिर मंदिर में काले तिल का दान जरूर करें। धार्मिक मान्यता है कि तिल का दान करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद बैकुंठ में सुख मिलता है।
पितरों का प्रसन्न करने के लिये नदी में स्नान करेंआचार्य राममोहन शुक्ल के अनुसार, आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद एक लोटे में जल और काले तिल ड़ालकर महादेव का सच्चे मन से अभिषेक करें। साथ ही जीवन में सुख.शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही पितृ दोष की समस्या दूर होती है।
काले तिल का दान करेंआचार्य राममोहन शुक्ल के अनुसार, अगर आप कुंडली में शनि दोष की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो मौनी अमावस्या के दिन लोगों में काले तिल का दान करें। ऐसा माना जाता है कि काले तिल का दान कुंडली में अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।