हजारीबाग: इचाक प्रखंड के जमुआरी गांव में आंगनबाड़ी केंद्र की एक शर्मनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। केंद्र की सेविका ने मासूम बच्चों को केंद्र के भीतर बंद कर गेट पर ताला लगा दिया और मौके से फरार हो गई।
बच्चे अंदर डर से रोते हुए ताले लगे गेट तक आ पहुंचे और बाहर निकलने की गुहार लगाने लगे। ग्रामीणों ने जब यह दृश्य देखा तो उनके गुस्से का ठिकाना नहीं रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सेविका अपनी जिम्मेदारियों को अनदेखा करते हुए सुबह बच्चों को अंदर छोड़कर चली गई, जिससे मासूम अंदर फंसे रह गए।
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब सेविका ने ऐसी लापरवाही की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेविका ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेती और अपने ऊपर पहुंच होने का हवाला देकर उन्हें धमकाती है।इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। आदर्श युवा संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष गौतम कुमार मेहता ने मामले की निंदा करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं प्रशासन की नाकामी को उजागर करती हैं। ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से इस मामले की जांच कर दोषी सेविका और सहायिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
साथ ही, उन्होंने प्रशासन से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील की है। यह घटना यह साबित करती है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। प्रशासन को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।