पलामू। उतरप्रदेश के प्रयागराज में 144 साल के बाद लगे महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में पलामू की एक महिला भी शामिल है। महिला रेहला थाना क्षेत्र के तोलरा गांव की रहने वाली है, जिसकी पहचान गायत्री देवी (60) अमरेश पांडेय की पत्नी के रूप में हुई है। महिला की बहन गंभीर हो गई। गायत्री देवी का एक बेटा सीआरपीएफ में है। वह प्रयागराज क्षेत्र में ही ड्यूटी पर तैनात है। महिला के शव को पलामू लाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, अमरेश पांडेय अपनी पत्नी गायत्री देवी और अपने रिश्तेदारों के साथ सोमवार को महाकुंभ में स्नान करने के लिए प्रयागराज गये थे। सभी लोग मंगलवार दोपहर में कुंभ मेला क्षेत्र पहुंच गये थे। मौनी अमावस्या पर प्रातः स्नान के लिए मंगलवार की रात को त्रिवेणी संगम तट के किनारे बालू पर ही सो गये थे। इसी बीच, मंगलवार की देर रात डेढ बजे अचानक भगदड़ मच गयी। भगदड़ में गायत्री देवी भीड़ के नीचे दब गयीं और उनकी मौत हो गयी।
अमरेश पांडेय ने बुधवार को बताया कि पत्नी के अलावा साढू गढ़वा के झूरा निवासी कयास दुबे और साली तेतरी देवी एवं अन्य रिश्तेदार कुंभ स्नान के लिए गए हुए थे। हम लोग मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए रात में ही संगम तट पर पहुंच गए थे। संगम किनारे सो रहे थे। इसी बीच रात करीब 1 से 2 बजे के बीच भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई। भीड़ हमारे ऊपर से गुजरने लगी। पुरुष सदस्य तो किसी तरह बच गए, लेकिन महिलाएं भीड़ में कुचल गई। उसकी पत्नी गायत्री देवी की मौत हो गई, जबकि साली तेतरी देवी गंभीर रूप से घायल हो गई। तेतरी देवी को पुलिस वाले एंबुलेंस से लेकर अस्पताल चले गए। उनकी हालत गंभीर है। अस्पताल में इलाज चल रहा है।
अमरेश पांडे भी भीड़ के नीचे दब गए थे। किसी तरह वह खड़े होकर बचे। गायत्री देवी की मौत की सूचना मिलते ही टोलरा गांव में मातम पसर गया है। गायत्री देवी का शव रात तक गांव में आने की संभावना है। इधर गढ़वा जिले के झुरा गांव में भी लोग घटना की जानकारी के लिए क्यास दुबे के घर पहुंच रहे हैं। कुशल झेम पूछ रहे हैं।