मेदिनीनगर। झारखंड का सबसे बड़ा भूमि घोटाला हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में उभरकर सामने आया है। यहां एक ही दिन में 56 साल पूर्व का मोटेशन कर 56 साल की लगान रसीद काटने का मामला भी सामने आया है। जिले के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र की हजारों एकड़ गैर मजरुआ भूमि जमींदारों, कर्मचारियों, अधिकारियों के अलावा सफेदपोश लोगों के नाम बंदोबस्त कर दी गई है। सरकारी कार्यालयों, चारागाहों, निकसार, चौक, मंदिर आदि के आसपास की भूमि की भी बंदोबस्ती कर राजस्व रसीद निर्गत कर दी गई है।
उधर, जांच कराए जाने पर एक भी भूमि का दस्तावेज किसी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इस घोटाले में कार्यालय के कई चालक ने भी अपने पास मौजूद कागजातों को प्रस्तुत कर पैसे और पैरवी के बल पर ऑनलाइन राजिस्टर टू में दर्ज करा लिया है। जिस भूमि का किसी कार्यालय में दस्तावेज नहीं है। सरकार से पुनः झारखंड सरकार घोषित कर आम आवाम के उपयोग व सरकारी भवनों के निर्माण के उपयोग में लाने की मांग उठने लगी है।
हैदरनगर प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष विमलेश सिंह व विधायक प्रतिनिधि सज्जू खान ने कहा कि बिना दस्तावेज की भूमि को सरकारी भूमि घोषित करें। ऐसा नहीं होने पर नेताओं ने अनुमंडल क्षेत्र के एक एक गांव की भूमि को चिन्हित कर उच्च न्यायालय व प्रवर्तन निदेशालय में याचिका दायर करने की चेतावनी दी है। याचिका के माध्यम से हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में 1989 से 1993 तक बंदोबस्त हुई भूमि की जांच कराने की बात उन्होंने की है।