लखनऊ। मानव शरीर की लगभग पांच सौ गतिविधियों में लीवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजकल के जीवन शैली में लीवर पर सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ रहा है। लोगों में फैटी लीवर एक आम समस्या बन गई है। भारत में करीब 30 फीसदी लोग इससे प्रभावित हैं। फैटी लीवर बीमारी की शुरुआत का संकेत कहा जा सकता है। ऐसे में जरूरत है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर लीवर को स्वस्थ रखा जाए। यह बातें वरिष्ठ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कटियार ने बुधवार को कहीं। वे एलीट अस्पताल में ‘विश्व लीवर दिवस’ के अवसर पर व्याख्यान दे रहे थे।
शरीर की मैटाबॉलिक फैक्ट्री है लीवर
विवेकानंद अस्पताल के पूर्व चिकित्सक डॉ. प्रशांत कटियार ने बताया कि लीवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। जिसमें फैटी लीवर के अलावा एल्कोहलिक लिवर डिजीज और क्रॉनिक वाइटल हेपेटाइटिस प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना व्यायाम, स्वस्थ जीवनशैली और कम वसा वाले आहार लेकर लीवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
लीवर की सबसे बड़ी दुश्मन शराब
शराब का सेवन लीवर की बीमारियों का प्रमुख कारण है। यह शराबी जिगर की बीमारी का कारण बनता है। जिसका सही समय पर इलाज न कराने पर गंभीर साइड इफेक्ट होते हैं। शराब के सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक कर शराब की संस्कृति पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। जिससे शराब से होने वाले लीवर के रोग अपने आप कम हो जाएंगे।
वैक्सीन और टीटीटी से है इलाज
डॉ. प्रशांत कटियार ने बताया कि हेपेटाइटिस बी से बचने के लिए टीका लगवाकर इससे बचा जा सकता है। जबकि हेपेटाइटिस सी का दवाओं के जरिए प्रभावी इलाज है। जिनकी सफलता दर 95 प्रतिशत तक है। ऐसे में डॉक्टर अपने मरीजों के साथ टॉक-टेस्ट-ट्रीट (टीटीटी) की रणनीति अपनाते हैं। जिससे मरीजों का इलाज तो होता ही है, साथ ही अपने लीवर को स्वस्थ रखने के लिए जागरुक होते हैं।
ये हैं लक्षण
लीवर की बीमारी का सबसे आम लक्षण भूख न लगना या बिल्कुल भी भूख न लगना है। इसके अलावा रोगी में शरीर के अनुसार अलग-अलग लक्षण, आंखों में पीलापन, उल्टी और तरह-तरह के रोग दिखाई देते हैं।