कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव नामांकन को केंद्र कर तीन लोगों की हत्या के बाद गुरुवार को जब नामांकन खत्म हुआ है तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अजीबो-गरीब दावा किया है। तृणमूल सुप्रीमो बनर्जी ने कहा है कि हिंसा की किसी भी घटना में तृणमूल के लोग शामिल नहीं हैं।
विपक्षी दलों द्वारा सत्तारूढ़ दल पर नामांकन में बाधा डालने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी का स्पष्ट निर्देश है कि जरूरत के मुताबिक नामांकन पत्र जमा किया जाए। लाखों नामांकन पत्र जमा किए जा चुके हैं। उनके अनुसार, “ऐसा किसी भी राज्य में, कभी भी नहीं हुआ है।”
मुख्यमंत्री ने दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में अशांति के लिए बिना नाम लिए भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल ने हिंसा का हमेशा विरोध किया है। उनके कहा, “जो लोग विपक्ष में हैं, उन्होंने अफवाह फैलाया। तोड़फोड़ की, लोगों को गुमराह किया, सांप्रदायिक नारों, तोड़फोड़, लूटपाट, आगजनी की।”
इसके बाद उन्होंने कहा, ”कल (बुधवार) हमारी ओर से विरोध प्रदर्शन हुआ था।
उल्लेखनीय है कि आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे लेकिन सीएम नहीं मिलीं।
मुख्यमंत्री ने उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा और इस्लामपुर में हुई हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”चोपड़ा और इस्लामपुर में हुई समस्या से पार्टी किसी भी तरह से नहीं जुड़ी है।”
साथ ही उन्होंने कहा, ”हमने ऐसा करने वालों को टिकट नहीं दिया है। उन्होंने कल (बुधवार) तक टिकट मांगे। लेकिन टिकट नहीं दिया गया क्योंकि पार्टी उनके काम से संतुष्ट नहीं थी।” इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्ट लोगों को इस बार के पंचायत चुनाव में टिकट नहीं दिया गया।