जयपुर। कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान कांग्रेस में चल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच शीतयुद्ध खत्म होने का दावा किया है। सोमवार रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित बंगले पर राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लगभग चार घंटे चली बैठक के बाद कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने पत्रकारों के समक्ष दोनों के बीच का विवाद खत्म होने का ऐलान किया है। उन्होंने दोनों के बीच सुलह के फार्मूले की जानकारी तो नहीं दी, लेकिन इतना जरुर कहा कि-तय किया गया कि अगला विधानसभा चुनाव दोनों नेता मिलकर लड़ेंगे।
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि दोनों नेताओं के नेतृत्व में ही इस साल होने वाला राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। अभी दोनों के बीच एक फेज की बातचीत होनी बाकी है। मैराथन बैठक में पायलट मुद्दे के समाधान का क्या फॉर्मूला तय किया गया, यह अभी साफ नहीं है। वेणुगोपाल ने कहा कि सोमवार को चार घंटे विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ बैठक हुई है। बैठक में तय किया गया कि गहलोत और पायलट मिलकर एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गहलोत और पायलट दोनों ने हाईकमान पर डिसीजन छोड़ दिया है। खड़गे के घर सोमवार देर रात तक चली बैठक के बाद गहलोत और पायलट केसी वेणुगोपाल के साथ बाहर आए। गहलोत और पायलट दोनों मुस्कुरा रहे थे। वेणुगोपाल ने ही मीडिया से बात की। गहलोत और पायलट केवल मुस्कुराते रहे, बोले कुछ नहीं। वेणुगोपाल के साथ दोनों नेता फिर से खड़गे के घर चले गए।
वेणुगोपाल ने सुलह का दावा किया है, लेकिन अभी तक सचिन पायलट ने कोई बयान नहीं दिया है। अब पायलट के बयान का इंतजार है। पायलट की तीनों मांगों और सियासी मुद्दों पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष को करना है। सुलह के फॉर्मूले को उजागर नहीं करके अभी केवल हाईकमान पर फैसला छोड़ने की बात कही गई है। पायलट का अल्टीमेटम 30 मई को पूरा हो रहा है। इससे कुछ घंटे पहले ही पायलट मुद्दे पर सुलह हो गई है। हालांकि पायलट ने अल्टीमेटम पर अभी कुछ नहीं बोला है। सचिन ने तीन मांगों को पूरा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। माना जा रहा है कि पायलट अब सुलह के बाद आंदोलन नहीं करेंगे।
पायलट ने पेपर लीक और बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ 11 मई से अजमेर से जयपुर के बीच पैदल यात्रा की थी। 15 मई को यात्रा के समापन पर जयपुर के महापुरा में की गई सभा में पायलट ने तीन मांगें रखकर 15 दिन में उन पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया था। पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार के करप्शन पर हाईलेवल कमेटी बनाने, आरपीएससी को भंग कर पुनर्गठन करने और पेपर लीक से प्रभावित बेरोजगारों को मुआवजा देने की मांग रखी थी। तीनों मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। पायलट के अल्टीमेटम को 30 मई को 15 दिन पूरे हो जाएंगे।