रांची। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अधिकारी निरंतर क्षेत्र का भ्रमण करें तब ही गांव का विकास संभव है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से बड़ी संख्या में अब तक आवास निर्माण कार्य अधूरा रहने पर भी चिंता जतायी। साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारियों को कहा कि वे लगातार इसके कारणों की समीक्षा कर हर हाल में आवास निर्माण कार्य पूर्ण करें।
वे मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में आयोजित वाहन वितरण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने 26 प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारियों को वाहन वितरण समारोह में बोलेरो गाड़ी की चाबी सौंपी। पुराने व जर्जर हो चुके वाहनों के स्थान पर नये वाहन उपलब्ध कराये गये। साथ ही कहा कि सरकार हमेशा उनके साथ है। उन्हें साधन व सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा लेकिन अधिकारियों का लक्ष्य जनता तक विभाग की योजनाओं को शत-प्रतिशत पहुंचाना होना चाहिए।
ग्रामीण विकास सचिव चंद्रशेखर ने कहा कि अधिकारियों को हमेशा दूसरे लोगों और ग्रामीणों के विकास के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। अधिकारियों को साधन से ज्यादा लक्ष्य को महत्चपूर्ण बनाना चाहिए, जिससे जनता तक सरकार की योजना आसानी से पहुंच सके। मनरेगा, पीएम आवास सहित अन्य योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने के लिए बीडीओ को लगातार कार्य करने की जरूरत पर सचिव ने बल दिया।
बीडीओ निरंतर फील्ड में जाएं : मनरेगा आयुक्त
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि सूबे के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निरंतर फील्ड में जाना चाहिए, ताकि योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिले। उन्होंने कहा कि यह अक्सर देखा जाता है कि अधिकारी मुख्यालय स्तर पर ही ज्यादा फोकस रखते हैं। ऐसे में अगर अफसर फील्ड विजिट करेंगे तो समस्याओं को अधिक बेहतर समझ कर कार्य करेंगे। मनरेगा आयुक्त ने पेंडिंग आवास पर भी चिंता जतायी। जलछाजन मिशन से जो कार्य हो रहे हैं उसके मेंटेंनेस पर भी जोर दिया। पंचायत भवनों को अधिक से अधिक कार्यशील बनाने पर जोर दिया इसे और सशक्त बनाने के लिए बीडीओ को जिम्मेवारी लेने को कहा।
जेएसएलपीएस के सीइओ सूरज कुमार ने कहा कि वाहन, सुविधा इत्यादि तो दी जा रही है लेकिन कार्य समय पर पूर्ण हो यह जरूरी है। पहले प्रखंड भवन का निर्माण हुआ अब वाहनों का भी लगातार वितरण हो रहा है।पूर्व में भी 26 वाहन दिए गये थे, आज फिर दिए जा रहे हैं। ऐसे में लगातार साधन उपलब्ध कराया जा रहा है। अधिकारियों के क्षेत्र भ्रमण जोर दिया। सीइओ ने कहा कि राज्य में अब तक 2.99 लाख एसएचजी का गठन हो चुका है। बड़ी संख्या में महिलाएं के सामाजिक,आर्थिक विकास व सशक्तीकरण किया जा रहा है। 35 लाख दीदी इससे जुड़ी है। लगभग 1.75 करोड़ ग्रामीण परिवार का सीधा जुड़ाव जेएसएलपीएस से हैं। उन्होंने कलस्टर लेबल पर काम करने को कहा ताकि महिलाओं के उत्पादों को बाजार मिल सके। क्वालिटी व निश्चित मात्रा में उत्पादन होने की स्थिति में उत्पादों का बाजार उपलब्ध कराने का भरोसा दिए।
इन बीडीओ को मिला वाहन
बोकारो-चंदनक्यारी,चास। देवघर-सोनारायठाडी,देवघर सदर, सारवां, सारठ। हजारीबाग- पदमा, कटकमसांडी, केरेडारी, चुरचू। कोडरमा-सतगावां। रामगढ़-चित्तरपुर। जामताड़ा- जामताड़ा सदर, नाला,कुंडहीत, फतेहपुर। पश्चिम सिंहभूम- चाइबासा सदर, जग्गनाथपुर। रांची- राहे, तमाड़, बुंडू, चान्हो, मांडर। लोहरदगा- पेशरार, कैरो।