रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित अरविंद व्यास की ओर से निचली अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का आग्रह करने वाली क्रिमिनल रिवीजन का फैसला सुनाया है।
याचिकाकर्ता को निचली अदालत की निर्धारित हर तिथि में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी है। उस दौरान अरविंद व्यास की जगह उनके अधिवक्ता कोर्ट में उनकी जगह उपस्थिति दर्ज कराएंगे। हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा उनकी उपस्थिति से संबंधित उनकी याचिका को खारिज करने के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने उपस्थिति से छूट देते हुए यह शर्त दी है कि आरोपित अरविंद व्यास सीआरपीसी की धारा 313 के बयान दर्ज कराने के दौरान एवं इस केस के जजमेंट के दौरान कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे।
निचली अदालत द्वारा व्यक्तिगत उपस्थिति के छूट संबंधी याचिका को खारिज किए जाने को अरविंद व्यास ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अरविंद व्यास की ओर से कोर्ट से आग्रह किया गया था कि वे राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में रहते हैं। ईडी कोर्ट में उन्हें हर पेशी को उपस्थित होना होता है। चित्तौड़गढ़ की रांची से करीब 16 सौ किलोमीटर दूर है, जिससे उन्हें आने जाने में करीब 3200 किलोमीटर पड़ता है। आने-जाने में एक बड़ी राशि भी खर्च होती है। ऐसे में जब कोर्ट उन्हें बुलाएगा तो वे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए तैयार हैं लेकिन मामले की हर डेट में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देते हुए उन्हें अपने अधिवक्ता की उपस्थिति के लिए आदेश दिया जाए।