कोडरमा। प्रेस की आजादी पर हमला और सिनियर जर्नलिस्ट व राजनेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ झुमरीतिलैया झंडा चैक पर शुक्रवार को सीटू झारखंड राज्य किसान सभा, दलित शोषण मुक्ति मंच, आॅल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क, ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रतिरोध मार्च निकाला और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बंद करो, न्यूज क्लिक पर किए गए मुकदमा वापस लो, गिरफ्तार पत्रकारों, राजनेताओं को रिहा करो, यूएपीए के तहत मुकदमा वापस लो, विपक्षी नेताओं पर सरकारी हमला बंद करो, तानाशाही मोदी सरकार मुर्दाबाद आदि केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
वहीं रमेश प्रजापति की अध्यक्षता में हुई नुक्कड़ सभा में वक्ताओं ने कहा कि जब देश में आम जनता कमरतोड़ महंगाई और बेरोजगारी से जुझ रही है। वैसे समय में लोगों को इन बुनियादी मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सच दिखाने वाले न्यूज क्लिक से जुड़े अनेक पत्रकारों, लेखकों, कार्टूनिस्ट व वैज्ञानिक के घरों पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी भारतीय लोकतंत्र को परेशान करने वाली खबर है। देश के जाने-माने सिनियर जर्नलिस्ट उर्मिलेश, अभिषार शर्मा, भाषा सिहं, सोहेल हाशमि और इरफान जैसे लेखक पत्रकार अपनी कलम और आवाज से सरकार से हमेशा सवाल करते रहते हैं।
ऐसे में उनके घरों पर छापा और लैपटाॅप, मोबाइल फोन जब्त किया जाना और उन पर आतंकवाद से संबंधित यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज करना तथा न्यूज क्लिक के प्रमोटर प्रवीर पुरकायस्थ और अनिंद्य चक्रवर्ती की गिरफ्तारी चिंता पैदा करने वाली है।वहीं दूसरी तरफ केन्द्र सरकार के द्वारा अपनी एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी नेताओं को डराने के लिए समन, घरों में छापेमारी, गिरफ्तारी जिसमें हाल ही में आम आदमी पार्टी के प्रखर नेता, मोदी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज को बुलंद करने वाले राजसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी ने इंदिरा गांधी शासनकाल की आपातकाल को याद दिला दिया है। दूनिया के 180 देशों की प्रेस फ्रीडम की सूची में भारत 161 वां स्थान पर है, जो लगातार नीचे गिर रहा है, जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है।
आज हम कह सकते हैं कि मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों के नेताओं, मिडिया कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के उपर जिस प्रकार से हमले किए जा रहे हैं, निरूसंदेह देश में अघोषित आपातकाल लागू हो गया है। अब समय आ गया है कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश की जनता, प्रगतिशील सामाजिक व सच के साथ चलने वाले मिडिया कर्मियों को एकजुट होकर इस जनविरोधी तानाशाही सरकार पर हमला बोलें और आगामी आम चुनाव में फांसीवादी मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंके। मौके पर असीम सरकार, संजय पासवान, रमेश प्रजापति, प्रेम प्रकाश, दिनेश रविदास, रामरतन अवध्या, दामोदर यादव, तुलसी राणा, नागेश्वर दास, सुरेन्द्र राम, बाबुलाल साव, मुकेश साव, रविन्द्र भारती, मनोज बर्णवाल, राजु कुमार आदि मौजूद थे।