रांची। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया की ओर से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के वर्चुअल शुभारम्भ के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गुरुवार से राज्य के नौ फाइलेरिया प्रभावित जिलों में फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इनमें चतरा, हजारीबाग, लातेहार, पलामू, सरायकेला, गोड्डा, दुमका, जामताड़ा और प. सिंहभूम में फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह कार्यक्रम 10 अगस्त से 25 अगस्त तक चलाया जायेगा।
मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम सब फाइलेरिया मुक्त झारखंड के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य जिस प्रकार कालाजार के उन्मूलन के अंतिम पड़ाव पर है। इसी तरह झारखंड से फाइलेरिया का उन्मूलन भी शीघ्र होगा । उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मुक्त झारखंड बनाने के लिए सामुदायिक सहभागिता के साथ ही अंतर-विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। आज से शुरू होने वाले अभियान में लगभग एक करोड़ 34 लाख लाभुकों को दवा प्रशासकों की ओर से नि:शुल्क फाइलेरिया रोधी दवाएं अपने सामने ही खिलाई जायेगी।
राज्य के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सभी 9 जिलों में से हजारीबाग और पश्चिमी सिंहभूम जिले में दो दवाओं डीईसी और अल्बेंडाज़ोल एवं अन्य सात जिलों में तीन दवाओं डीईसी, अल्बेंडाजोल के साथ आईवरमेंक्टिन की निर्धारित खुराक दवा प्रशासकों की ओर से बूथ तथा घर-घर जाकर अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी। ये दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। ये दवाएं दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं दी जाएंगी। रैपिड रिस्पांस टीम दवा के सेवन के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दवाओं के साथ मौके पर सक्रिय रहेगी।
कार्यक्रम को राज्य के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह सहित अन्य ने भी संबोधित किया।\
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