कोडरमा। गृह मंत्री अमित शाह के संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में संविधान के 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान बयान पर देशभर में कोहराम मचा है। गृह मंत्री के बाबा साहब को लेकर बयान की विपक्ष समेत दलित संगठनों में भारी आक्रोश है और गृह मंत्री का इस्तीफा मांग रहे है। झुमरीतिलैया में 20 दिसंबर को राष्ट्रीय जनता दल ने इंडिया गठबन्धन के बैनर तले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और पुतला फूंका। साथ ही राजद नेताओ ने अमित शाह को देश से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।
पुतला दहन के बाद सभा की गई। जिसकी अध्यक्षता राजद दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष संजय दास ने की, जबकि संचालन राजद नेता घनश्याम तुरी ने की। सभा को संबोधित करते हुए राजद जिलाध्यक्ष रामधन यादव ने कहा कि भाजपा को संविधान से नफ़रत है और संविधान को खत्म करने की साजिश रचने में नाकाम कोशिश में जुटे है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा नेताओं ने चुनाव जीतने पर संविधान बदलने का बयान खुलेआम सार्वजनिक मंच से दिया था। देश ने भाजपा को बहुमत से दूर रखा और जेडीयू और टीडीपी के रहमोकरम पर सरकार चल रही है।
देश में संविधान और आस्था के बीच बहस छेड़कर भाजपा संविधान को खत्म करने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब पर गृह मंत्री का बयान निंदनीय है और संविधान-संविधान निर्माता का अपमान है। बाबा साहब डाॅ. बी. आर अंबेडकर न्याय पसंद और देश के गरीब, वंचित दलितों, शोषितों के मसीहा है और जन्मों जन्मों तक रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा देश मे रहे या नही रहे, लेकिन देश मे संविधान और बाबा साहब के लिखे हक़ अधिकार वाले कानून से देश चलेगा। भाजपा के साज़िश का देश के वंचित, शोषित, दलित, अल्पसंख्यक समाज करारा जबाब देगी। वहीं सभा को संबोधित करते हुए राजद नेताओं ने अमित शाह और भाजपा पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया।
वहीं नेताओं ने कहा कि ’बाबासाहेब अंबेडकर हमारे फैशन और जुनून हैं, वह हमारी प्रेरणा के केंद्र है। हम बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश के गृह मंत्री को लोकतंत्र के मंदिर संसद में बयान देने पर देश से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की। मौके पर सरफ़राज नवाज खान, संजय दास, महेश यादव, घनश्याम तुरी, चरणजीत सिंह, महेश दास, रघुनाथ कुमार दास, संजय दास, धीरज यादव, टुकलाल यादव, प्रेम प्रकाश, मो. मुश्ताक, शंभु पासवान, राजू तुरी, महादेव दास समेत कई लोग मौजूद थे।