खूंटी। जिला मुख्यालय को गुमला, लोरदगा और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले सबसे प्रमुख डोड़मा-सिसई पथ पर कुदरी गांव के पास छाता नदी पर बना पुल शुक्रवार को पूरी तरह ध्वस्त हो गई और इस सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। गत वर्ष अगस्त महीने में यह पुल आधा टूट गया था। इसके कारण बड़े वाहनों का आवागमन बंद था। पुल के पूरी तरह टूट जाने से दर्जनों गांवों का सीधा संपर्क खूंटी जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय से कट गया है।
गुमला जिला और लोहरदगा जाने का यह सबसे कम दूरी वाली सड़क है। पुल टूट जाने से खूंटी, डोडमा, बिचना, कुदरी आदि के स्कूल-कॉलेज में पढने वाले विधार्थियों को भी परेशानी हो रही है। गर्मी के दिनों में नदी की सूखी होने के कारण इस रोड पर छेाटे वाहनों का आावागमन में होता था, लेकिन बरसात के दिनों में इस रोड पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। भाजपा नेता विनोद सिंह कहते हैं कि राज्य सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण साल भर में पुल का निर्माण तो क्या डायवर्सन तक का कार्य शुरू तक नहीं हुआ है। छाता नदी का यह पुल यातायात की दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। बरसात के दिनों में दर्जनों गांवों के लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
जनप्रतिनिधियों को भी इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ज्ञात हो कि छाता नदी पर बना पुल काफी पुराना था। मरम्मत के अभाव में जर्जर हो गया था। पिछले वर्ष पुल काएक हिस्सा टूटने पर विधायक कोचे मुंडा की पहल पर कामचलाऊ डायवर्सन का निर्माण कराया गया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद डायवर्सन पानी में बह गया।