नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले मामले में गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक से इनकार के बाद जांच एजेंसी ने गुरुवार की शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर पहुंची थी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी टीम ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर करीब 2 घंटे तक तलाशी के बाद गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक ईडी की छह सदस्यीय टीम पहले उनके आधिकारिक अवास पर पहुंच कर स्टाफ को सूचित किया कि उनके पास उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनके खिलाफ सर्च वारंट है। इसके बाद करीब तीन घंटे तक तलाशी अभियान चला, जिसके बाद ईडी ने केजरीवाल का फोन जब्त किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। विस्तृत खबर की प्रतीक्षा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईडी ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल को 9वां समन भेजकर आज पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन केजरीवाल ईडी के समक्ष पेश होने से पहले दिल्ली हाईकोर्ट चले गए थे। हालांकि, हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को इस मामले में ईडी को उनसे पूछताछ और गिरफ्तार करने पर कोई रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
ऐसे में सवाल उठता है कि अब दिल्ली में आम आमदी पार्टी की सरकार का क्या होगा। यानी कौन सरकार चलाएगा। इसको लेकर आम आमदी पार्टी का स्पष्ट स्टैंड है कि अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे। यानी वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
आज रात ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की मांग
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दिल्ली मंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। हमने ईडी द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हमने आज रात ही सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई की मांग की है।
इससे पहले भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को ईडी ने 16 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया कि है कि जांच में खुलासा हुआ है कि नई आबकारी नीति से लाभ उठाने के लिए के.कविथा ने AAP के नेताओं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश रची।साजिश के तहत नई शराब नीति में होलसेलर्स के जरिये लगातार रिश्वत का पैसा AAP तक पहुंचाया जाता रहा।
ईडी का आरोप है कि नई आबकारी नीति से निजी लाभ पाने की एवज में AAP नेताओं तक 100 करोड़ रुपये पंहुचाये गए। इस मामले में मनीष सिसोदिया के अलावा राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों ही नेता फिलहाल जेल में हैं।