झरिया।कोलियरी गांवों में घर की मिट्टी की दीवारों को सुंदर बनाने के लिए कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेज कि भित्ति चित्रों बनाने का दो दिवसीय कला शिविर आज श्याम 6 बजे राष्ट्रीय गाना गा कर समाप्त हुआ। कल के जैसे आज भी बच्चों कोई आकर्षक दीवार चित्रों बनाएं। जो देखने का लायक है।
कोलफील्ड चिल्ड्रन क्लासेज कि और से पिछले दो-तीन सालों में अब तक 55 से ज्यादा दीवारों को ‘वर्ली कोलरी आर्ट’ नाम की कला की नई शैली से सजाया जा चुका है। जो सिर्फ 6-7 महीनों तक रहता है, तेज बारिश में नष्ट हो जाता है।झरिया कोयलांचल के चित्रों में केवल तीन रंगों का उपयोग किया जाता है, मुख्यतः काला, भूरा-लाल, और सफेद।
मिट्टी के दीवार पर कला कार्य ‘कोलफील्ड चिल्ड्रेन क्लासेस’ कि सामाजिक संदेश देने वाले एक अवधारणा है। जिसका चित्रों विदेश के मीडिया में उल्लेखित किया जाता है।आज बच्चें अपने कला प्रतिभा को दीवार पर उतार कर बहुत खुश थे। 18 साल के रवि कुमार ने कहा ,” दीवार बनाने में समय लगता पर चित्रों बनाने में आनंद आता है , जब जब दीवार को देखते गर्व महसूस करते।
कोलफील्ड चिल्ड्रेन क्लासेज के संस्थापक पिनाकी रॉय ने कहा, ‘हम कला के माध्यम से कोलफील्ड के बच्चों की मानसिकता को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकतर बच्चे कोयला मजदूर परिवार से ताल्लुक रखते है। झरिया के लिलोरीपथरा को सजाने बाद केंदुआ के घनसाडीह, दोबारी के सहनापहाड़ी, लोदना के डिपुधौरा इलाके में कला शिविर के आयोजन किया जाएगा।कलाकार संजय पंडित ने कहा, “हमने पश्चिमी भारत की वर्ली कला को लिया है लेकिन स्थानीय विषयों को रखा है, यह कला केवल कुछ महीनों तक चलती है।
इस भित्ति चित्रों बनाने का कला शिविर अभिभावक भी हाथ लगाएं अभिभावक मे रेशम देवी, दीपा देवी,लक्ष्मी देवी, रुक्मिणी देवी, मोसुमी राय के अलावा झरिया शिक्षक पिनाकी राय, संजय पंडित के साथ छात्र , रवि कुमार, रिंकी कुमारी, सोनी कुमार, पिंकी कुमारी , दीपशिखा कुमारी, रागिनी कुमारी,प्रिंस कुमार, राजेश कुमार,अभिषेक कुमार, संजना कुमारी, अंजनी कुमारी, नंदिनी कुमारी, छोटू कुमार, पंकज कुमार, अनिकेत कुमार, लक्ष्मी कुमारी शामिल हुई हैं, जिनकी उम्र 14 से 20 साल के बीच है।
संस्था से जुड़े मौसमी राय के कहा,” छात्र छात्राओं अपने गांव की दीवारों को सजाने में गहरी रुचि ली है। दिसंबर 2023 तक फिर से 15-16 ऐसा भित्ति चित्र बन जाएगा।