नई दिल्ली। पूर्वोत्तर का खूबसूरत राज्य सिक्किम इस समय प्राकृतिक आपदा की भीषण मार से बेहाल है। सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि में बादल फटने के बाद मंगलवार की सुबह से आशंकाओं के बादल अब तक घिरे हुए हैं। बुधवार सुबह तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 100 से अधिक लोग लापता हैं। इनमें सेना के भी 23 जवान शामिल हैं।
नदी किनारे खड़े वाहन नदी के तेज बहाव में बह गए। इसमें नदी किनारे बने एक अस्थायी कैंप में रह रहे सेना के 23 जवान भी शामिल हैं। अभी लापता लोगों की सही सही संख्या का केवल अनुमान ही लगाया जा सका है। तीन हजार से अधिक पर्यटक भी सड़क आदि टूट जाने से अनेक स्थानों पर फंस गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट पर सिक्किम की आपदा पर गंभीर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि सिक्किम के मुख्यमंत्री पी. एस. तमांग से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं।
इस बीच भारतीय सेना ने सिक्किम में लापता हुए आम लोगों और सैनिकों के परिवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए है। यह नंबर हैं
उत्तर सिक्किम के लिए: 8750887741
पूर्वी सिक्किम के लिए: 8756991895
लापता सैनिकों के लिए: 7588302011
अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की पहचान जाहिर नहीं की है, हालांकि इनमें अधिकतर आम नागरिक हैं। अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ की स्थिति चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई।
सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए 3,000 से अधिक पर्यटकों के राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे होने की सूचना है।