दुमका। बस में सीट को लेकर हुए विवाद में बस कंडक्टर द्वारा आदिवासी युवक को पिटाई के विरोध में आदिवासी समाज के लोगों ने बस स्टैंड के मुख्य गेट पर घंटो जाम रखा। घटना से आक्रोशित आदिवासी युवकों ने एक खास समुदाय के आरोपी कंडक्टर को सामने लाने की मांग करते हुए पुरा बस स्टैंड की दुकाने बंद कराते हुए पुरी तरह जाम कर दिया। युवकों ने आरोपी को सामने पेश करने की मांग करते हुए बस स्टैंड से वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया।
सूचना पर डीएसपी मुख्यालय विजय कुमार और सीओ यमुना रविदास पहुंच आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाते हुए आदिवासी युवकों को समझाने के प्रयास में घंटो जुटे रहे। इस बीच युवकों का नेतृत्व कर छात्र नेताओं से एसपी अंबर लकड़ा ने दूरभाष पर समझाने का प्रयास किया। लेकिन विरोध कर रहे लोग पुलिस की सुनने को तैयार नहीं दिखे।
जानकारी के अनुसार नगर थाना क्षेत्र के पुराना दुमका जरूवाडीह निवासी मृणाल हेम्ब्रम नामक व्यक्ति बस स्टैंड अपनी बहन को छोड़ने पहुंचा था। मृणाल हेम्ब्रम अपनी बहन को पाकुड़ के लिए दुमका-पाकुड़ चलने वाली प्रिंस नामक यात्री बस में बैठाया। जहां सीट नहीं मिलने पर पीड़ित मृणाल हेम्ब्रम ने कंडक्टर से महिला होने के नाते सीट देने का आग्रह किया। लेकिन कंडक्टर सीट नहीं होने का हवाला देते रहा। बात इतनी बढ़ी की नौबत मारपीट तक पहुंच गई और आरोपी कंडक्टर से अधेड़ आदिवासी व्यक्ति की पिटाई कर दिया। मृणाल हेम्ब्रम की पिटाई की सूचना मिलते ही दर्जनों लोग बस स्टैंड पहुंच जाम कर दिया। करीब 2 बजे से आदिवासी समाज के लोगों ने जाम कर बसों का प्रवेश और निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दिया।
देर शाम लोगों को समझा-बुझाकर लिखित आवेदन देने और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आश्वासन पर करीब 8 बजे आदिवासी युवकों ने जाम हटाया। तब जाकर रांची, कोलकोत्ता समेत अन्य लंबी एवं छोटी दूरी के वाहनों का परिचालन सुचारू हो सका। इस अवसर पर सीओ यमुना रविदास ने बताया कि विरोध कर रहे लोगों को आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आश्वासन पर माने और जाम हटाया। पीड़ित के लिखित शिकायत पर आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी।