खूंटी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और झालसा रांची के निर्देश पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डीएलएसए अध्यक्ष रसिकेस कुमार के मार्गदर्शन में स्वतंत्रता दिवस के 78वें वर्ष के शुभ अवसर पर उपकार खूंटी में जेल लोक अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जेल अदालत में उपस्थित कैदियों को संबोधित करते हुए व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनोरंजन कुमार ने कहा कि वैसे बंदी जो किसी कारण से अपने बेलर की व्यवस्था नहीं करा पाता है या अपने परिवार से मिल नहीं पाता है अथवा किसी कागजात की वजह से जमानत कराने में या किसी भी तरह की समस्या हो तो, वह आवेदन के माध्यम से डालसा सचिव या कारा अधीक्षक को सूचित कर सकता है। उन्हें जितना संभव हो सके, निःशुल्क सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर ने झालसा रांची के निर्देशों का पालन करते हुए आयोजित शिविर में उपस्थित बंदियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और कहा कि अब झालसा ने कैदियों, उनके माता-पिता एवं उनके परिवार के सदस्यों को सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ दिलाएगा। इसके तहत कैदियों के छोटे बच्चों को आरटीई के तहत पास के स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा। परिजनों से मिले आवेदनों को जिला प्रशासन को भेजा जाएगा, ताकि अहर्ता के अनुसार उन्हें सरकारी लाभ भी दिलाया जा सके।
उन्होंने कैदियों से कहा कि आप अपने अधिकारों को पहचानें और एक भारतीय नागरिक होने के नाते अपने अधिकारों का हनन न होने दें। जितने भी न्यायिक पदाधिकारी और एलएडीसी तथा प्रभारी, कारा अधीक्षक लगभग सभी ने अपने-अपने वक्तव्य में कैदियों को पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया, ताकि झूठे आरोपों से अपने आप को बचा सके। उन्होंने कहा कि उपकारा में कैदी के रूप में रहकर अपने आप को दोषी या कैदी न समझें। अपने आप को कर्तव्यपरायण और निष्ठावान बनाए रखें और आगे बढे। पुरुष कैदियों को खेल जगत में उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए ट्रॉफी और मेडल देकर सम्मानित किया गया। डालसा सचवि ने कहा कि कीमती समय का सदुपयोग करें और ’खाली समय में अपने रचनात्मक और कलात्मक ज्ञान का सही उपयोग करें।