नई दिल्ली। ऐसे समय में जब भाजपा महिला आरक्षण बिल संसद में पास कराने का क्रेडिट लेते हुए जश्न मना रही है, दिल्ली के एक सांसद ने पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। जी हां, महिला आरक्षण को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। मुद्दा ऐसा था कि विपक्षी दलों को भी सपोर्ट करना पड़ा। भाजपा अपनी पीठ थपथपा ही रही थी कि एक वीडियो ने माहौल पलट दिया। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी लोकसभा में बसपा एमपी दानिश अली के लिए आपत्तिजनक शब्द बोलकर फंस गए। प्रेशर बढ़ने के बाद भाजपा को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा। पार्टी ने दक्षिणी दिल्ली के सांसद से पूछा है कि असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के लिए क्यों ना उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। स्पीकर ओम बिरला ने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसा हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी। हालांकि विपक्षी दल एकजुट होकर ऐक्शन की मांग कर हैं।
मोहब्बत-नफरत… राहुल को मिल गया मौका
पत्रकारों ने राहुल को घेर लिया और उनके कुछ बोलने का इंतजार करने लगे। राहुल ने वही लाइन दोहराई जो आजकल वह रीपीट कर रहे हैं- नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान। यही लाइन उन्होंने दो तस्वीरों के साथ ट्वीट भी की। एक तस्वीर में वह दानिश अली को गले लगाए दिखते हैं और दूसरी तस्वीर में वह दानिश से हाथ मिलाते हुए एकजुटता दिखा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा कि क्या दानिश अली को झप्पी देकर राहुल ने बड़ी सियासी बाजी मार ली। कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘भरी संसद में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली जी का अपमान किया था, उन्हें बेहद अमर्यादित और असंसदीय अपशब्द कहे थे। उस समय भाजपा के दो पूर्व मंत्री भद्दे ढंग से हंसते रहे। दानिश ने बताया कि राहुल गांधी जी ने मेरा हौसला बुलंद किया, उन्होंने कहा कि अपने आपको अकेला मत समझिए। अब इस घटना का सियासी असर समझिए।