हेल्थ डेस्क: डिप्थीरिया एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है जो आमतौर पर नाक और गले की झिल्ली को प्रभावित करता है। जो कोरिनेबैक्टीरियम (Corynebacterium diphtheriae) प्रजाति के बैक्टीरिया के वजह से होता है।डिप्थीरिया एक दुर्लभ बीमारी है। मगर हाल ही में भारत के तमिलनाडु और पाकिस्तान के पेशावर में इसके कुछ मामले सामने आए हैं।
डिप्थीरिया के कारण पैरालिसिस (Paralysis) हो सकता है, इस संक्रमण की वजह से हार्ट फेल (Heart Fail) और सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।कुछ मामलों में यह घातक साबित हो सकता है, जिसके कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। अफ्रीकी देश नाइजीरिया में इन दिनों डिप्थीरिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। यहां दिसंबर 2022 से 14 फरवरी 2023 तक सिर्फ तीन महीनों में ही डिप्थीरिया के 200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और उनमें से 40 की मौत की पुष्टी भी हो चुकी है। डिप्थीरिया की पहचान के लिए व्यक्ति के गले के अंदर झांका जाता है।CDC के अनुसार गले के पिछले हिस्से में ग्रे रंग के पैच बनना डिप्थीरिया की पहचान होती है।
कोविड – 19 पैनडेमिक (Covid 19 pandemic) के बाद से नई – नई बीमारियों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों मंकीपॉक्स (Monkeypox) और ब्लैक फंगस (Black Fungus) जैसी कई दुर्लभ बीमारियां सामने आई हैं। इन बीमारियों का पहले कोविड – 19 कि तरह कोई नामोनिशान नहीं था या ये कुछ गिने चुने लोगों को हुआ करती थीं।
जानिए क्या है डिप्थीरिया?
जैसा कि हमने ऊपर बताया डिप्थीरिया, कोरिनेबैक्टीरियम प्रजाति के बैक्टीरिया (Bacterial Infection) की वजह से होने वाली एक बेहद संक्रामक बीमारी है ।यह एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है जो आमतौर पर नाक और गले की झिल्ली को प्रभावित करता है।हालांकि, इसका टीका बाज़ार में उपलब्ध है। मगर इसका फैलना एक चिंता का कारण है क्योंकि ये बच्चों के लिए जान लेवा साबित हो सकता है।
डिप्थीरिया का निदान
अगर डॉक्टर को डिप्थीरिया होने की आशंका होती है तो डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने की सलाह देंगे, जिससे डिप्थीरिया की जांच की जा सके।इस टेस्ट में गले के पिछले हिस्से से स्वैब इकट्ठा करना, त्वचा के अल्सर से सैंपल लेना भी शामिल है।इसके बाद बैक्टीरियल कल्चर किया जाता है।अगर डॉक्टर को संदेह है कि यह डिप्थीरिया ही है तो वह आपको तुरंत इलाज कराने की सलाह दे सकते हैं।
डिप्थीरिया का इलाज
डिप्थीरिया के इलाज में बैक्टीरिया संक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए दो तरह की इलाज पद्वति अपनाई जाती है।
एंटी-टॉक्सिन – इसे एंटी-डिप्थेरिटिक सीरम के नाम से भी जाना जाता है।इस इलाज के जरिए बैक्टीरिया टॉक्सिन को न्यूट्रिलाइज किया जाता है।डॉक्टर श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले डिप्थीरिया के इलाज के लिए एंटी-टॉक्सिन का इस्तेमाल करते हैं।
एंटी-बायोटिक्स – एरिथ्रोमाइसिन (Erythromycin) और पेनिसिलिन (Penicillin) डिप्थीरिया फैलाने वाले बैक्टीरिया को शरीर से बाहर करने के साथ ही इसे फैलने से रोक सकता है। एंटी-बायोटिक ट्रीटमेंट के जरिए श्वसन तंत्र से जुड़े डिप्थीरिया और स्किन डिप्थीरिया का इलाज किया जाता है। अच्छी बात यह है कि दवा लेने के 48 घंटे बाद संक्रमित व्यक्ति किसी अन्य को संक्रमण नहीं फैला सकता है।हालांकि, उन्हें एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है।
डिप्थीरिया का इलाज दवाओं से किया जा सकता है। मगर इलाज के दौरान डिप्थीरिया हृदय, गुर्दे और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। इलाज के साथ भी, डिप्थीरिया जानलेवा हो सकता है, खासकर बच्चों में।
क्या है डिप्थीरिया के लक्षण?
डिप्थीरिया के लक्षण आमतौर पर किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के 2 से 5 दिन बाद शुरू होते हैं, जिनमें शामिल है
गले और टॉन्सिल बढ़ना
गले में खराश और स्वर बैठना
गर्दन में सूजन या बढ़े हुए लिम्फ नोड्स
सांस लेने में कठिनाई या तेजी से सांस लेना
नाक बहना
बुखार और ठंड लगना
थकान
डिप्थीरिया के कारण – Causes of diphtheria
डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया की वजह से होती है।यह बैक्टीरिया शरीर में ऐसे टॉक्सिन पैदा करता है, जिनकी वजह से संक्रमित व्यक्ति बहुत बुरी तरह से बीमार पड़ जाता है।
कैसे फैलता है डिप्थीरिया संक्रमण
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा, डिप्थीरिया एक बेहद ही संक्रामक बीमारी है।निम्न कुछ तरीकों से व्यक्ति इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आ सकता है –
- संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकले वाली छोटी-छोटी रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स के संपर्क में आने से
- संक्रमित व्यक्ति के नाक और गले से निकलने वाले स्राव जैसे बलगम और लार के संपर्क में आने से
- संक्रमित व्यक्ति के त्वाच पर मौजूद घाव और मस्सों से.