रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने बताया कि नाम वापसी के बाद सातवें चरण के चुनाव के लिए तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 52 उम्मीदवार रह गए हैं। राजमहल (अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से नाम वापसी के अंतिम दिन शुक्रवार को एक प्रत्याशी ने नाम वापस ले लिया। इस तरह यहां अब कुल 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में बचे हैं।
रवि कुमार ने बताया कि दुमका (अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन वापस नहीं लिया है। यहां से कुल 19 प्रत्याशी हैं। गोड्डा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से दो उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया है। यहां से कुल 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। वे शुक्रवार को निर्वाचन सदन, धुर्वा में नियमित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
रवि कुमार ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 सीटों पर कुल 240 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। इनमें 222 पुरुष और 18 महिलाएं थीं। वर्ष 2019 में यह संख्या 229 थी, जिसमें 204 पुरुष और 25 महिलाएं थीं। इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक 244 प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया है। इनमें 212 पुरुष, 31 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग का फोकस मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर है। इसे लेकर जन जागरुकता के साथ तमाम उपाय किये जा रहे हैं। इसके लिए माइकिंग से मतदाताओं को जागरूक करने और मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ले जाने के लिए मोबलाइजेशन पर जोर रहेगा।
उन्होंने बताया कि मतदान करने में लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े, इसके लिए मतदान की गति बढ़ाने के उपाय किये गये हैं। इसके तहत एक बार में तीन मतदाताओं को मतदान केंद्र के भीतर जाकर मतदान की सुविधा दी जा रही है। जिस बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता हैं, वहां एक अतिरिक्त मतदानकर्मी को लगाया जा रहा है ताकि कतार लंबी नहीं हो। मतदान की गति बढ़े और लोगों को इंतजार नहीं करना पड़े। साथ ही रिजर्व में रखे गए मतदानकर्मियों को भी जरूरत के अनुसार मतदान केंद्रों पर लगाया जाएगा।
रवि कुमार ने मतदाताओं से अपील किया कि मतदान के लिए जाते वक्त अपने साथ मतदाता सूची का सीरियल नंबर नोट कर जरूर लेकर जाएं। इससे मतदाता सूची से मतदाता का सीरियल नंबर का मिलान करने में बेवजह समय जाया नहीं होगा। यदि वोटर इनफार्मेशन स्लिप मतदाता तक नहीं पहुंचा हो, तो वे वोटर हेल्पलाइन ऐप से भी अपना सीरियल नंबर नोट कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अवैध सामग्री और नकदी के रूप में 01 अरब 16 करोड़ 75 लाख रुपये की जब्ती की गयी है।